आंवला को आयुर्वेद में वरदान माना गया है,इसमें कई रोगों को दूर करने का औषधीय गुण

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नवआभा टाइम्स: आंवला को आयुर्वेद में आंवले को जड़ी बूटी के समान माना जाता है। आंवला एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जिसका इस्‍तेमाल आधुनिक मेडिसिन बनाने के लिए भी किया जाता है। आंवला कई रोगों को तो दूर होता है साथ ही इससे स्किन और बालों को भी कई तरह के लाभ मिलते हैं। स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करने वाली कई दवाओं और ब्‍यूटी प्रॉडक्‍ट्स में भी आंवले का प्रयोग किया जाता है। इसमें कई प्रकार के विटामिन व अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं। आंवला को एक शक्तिशाली औषधि के रूप में जाना जाता है, जिसकी खेती प्रमुख रूप से भारत में होती है और इसलिए इसे अंग्रेजी में इंडियन गूसबेरी के नाम से जाना जाता है। यह एक वृक्ष पर लगने वाले फल के रूप में प्राप्त होता है और इससे मिलने वाले स्वास्थ्य लाभों को देखते हुए इसे जड़ी-बूटियों की श्रेणी में रखा जाता है।आंवला रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ता है| आंवला आमतौर पर खट्टे फलों की श्रेणी में आता है और इसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी, विटामिन बी, फास्फोरस और अन्य कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं। आंवला में विटामिन सी पाया जाता है, जो शरीर की कई कोशिका प्रक्रियाओं को तेज कर देता है जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत हो जाती है। साथ ही विटामिन सी एक एंटीऑक्सीडेंट भी है, जो सूजन व लालिमा जैसी स्थितियों को कम करने में शरीर की मदद करता है। उचित मात्रा में आंवला का सेवन करने से सीने में हो रही जलन को काफी हद तक कम किया जा सकता है।एक अध्ययन से पता चलता है कि आंवला की मदद से बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रभावी रूप से कम किया जा सकता है, जिससे हृदय को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। इसके अलावा आंवला के सेवन से रक्तचाप भी सामान्य स्तर में रहता है, जो हृदय को स्वस्थ रखने के लिए महत्वपूर्ण है।डायबिटीज के मरीज के द्वारा अमला का सेवन करना उनके रक्त शर्करा के स्तर को कम कर सकता है। कुछ अध्ययनों में पाया कि आंवला में मौजूद खास तत्व इंसुलिन बनने की प्रक्रिया को बढ़ाते हैं, जिससे डायबिटीज के लक्षण कम होने लगते हैं।आंवला में पाए जाने वाले खास एंटीऑक्सीडेंट लीवर के लिए विषाक्त साबित होने वाले पदार्थों को शरीर से बाहर निकाल देते हैं। हालांकि उपरोक्त बताए गए आंवला के स्वास्थ्य लाभ पूरी तरह से रिसर्च बेस्ड हैं और कुछ अध्ययन सिर्फ जानवरों पर किए गए हैं। आंवला हर व्यक्ति के शरीर में अलग प्रभाव डाल सकता है, इसलिए इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए।
आंवला को सामान्य मात्रा में सेवन करना चाहिए, हालांकि अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट संबंधी कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं और साथ ही उल्टी व मतली भी हो सकती है। आंवला में रक्त को पतला करने वाले एजेंट पाए जाते हैं और इसके अधिक सेवन से मसूड़ों में खून आना व अन्य कई समस्याएं विकसित हो सकती हैं। कुछ लोग आंवला से एलर्जिक भी हो सकता हैं या फिर अन्य दवाओं के साथ आंवला का सेवन करने से भी शरीर में कोई रिएक्शन पैदा हो सकता है। आंवला से होने वाले विपरीत प्रभावों को देखते हुए आपको यह सलाह दी जाती है, कि आंवला का सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से अवश्य पूछ लें।आंवला का इस्तेमाल भारतीय रसोई किया जाता है और कई व्यंजनों में आंवला को एक सामग्री के रूप में डाला जाता है। आंवले को सुखाकर उसका पाउडर भी बनाया जाता है, जिससे कई व्यंजनों में एक मसाले के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा आयुर्वेद में आंवला को कई स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करने के लिए किया जाता है। आंवला का इस्तेमाल इस प्रकार किया जा सकता है|

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