नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य कानून को समय और संविधान की भावना के अनुकूल बनाया जाएगा।
श्री शाह ने यहां दिल्ली पुलिस की 76 वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार आने वाले दिनों में आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य कानून में आमूलचूल बदलाव करने जा रही है।
समारोह के मुख्य अतिथि श्री शाह ने कहा कि इन संहिताओं और कानून को समय और संविधान की भावना के अनुकूल बनाने के साथ-साथ आंतरिक सुरक्षा को मज़बूत करने के लिए फॉरेंसिक समेत अन्य साक्ष्यों की उपलब्धता के साथ मज़बूत बनाया जाएगा। इसके लिए देशभर में फॉरेंसिक साइंस नेटवर्क को फैलाया जाएगा। इनमें से एक सुधार का काम दिल्ली पुलिस ने ट्रायल के तौर पर शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा कि छह साल और इससे ज़्यादा सज़ा वाले हर अपराध में फॉरेंसिक साइंस टीम मौके पर विजिट कर रही है। इसके लिए प्रशिक्षित और फॉरेंसिक साइंस के क्षेत्र में विशेषज्ञ युवा चाहिए। इसके लिए देश के नौ राज्यों में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (एनएफएस) कैंपस की स्थापना की जा चुकी है। अगले दो वर्षों में देश के सभी राज्यों में एनएफएस खोले जायेंगे।
दिल्ली में पासपोर्ट सत्यापन 15 नहीं, अब पांच दिनों में होगा: शाह
केन्द्रीय गृह मंत्री ने अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि पासपोर्ट आवेदन का सत्यापन 15 की जगह अब पांच दिनों में पूरा किया जाएगा। श्री शाह ने दिल्ली पुलिस के 76वें स्थापना दिवस के अवसर पर मोबाइल टेबलेट से पासपोर्ट सत्यापन समेत कई सुविधाओं की शुरूआत करते हुए कहा कि अब 15 की जगह पांच दिनों में ही पासपोर्ट एप्लीकेशन का पुलिस सत्यापन ऑनलाइन मिल जाएगा।
स्थापना दिवस समारोह के मुख्य अतिथि केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री शाह ने पासपोर्ट सत्यापन सुविधा के साथ-साथ दिल्ली पुलिस में शामिल किये गए मोबाइल फॉरेंसिक वाहन भी जनता को समर्पित किया।
श्री शाह ने कहा कि पासपोर्ट के लिए रोज़ाना औसतन दो हज़ार आवेदन प्राप्त होते हैं और अब उनकी ऑनलाइन प्रोसेसिंग होने से जनता की दिक्कतें भी कम हो जाएंगी।
उन्होंने कहा कि आधुनिक उपकरणों वाली मोबाइल फॉरेंसिक वैन से फॉरेंसिक एविडेंस के आधार पर न्याय प्रक्रिया में तेजी आएगी। आने वाले दिनों में दिल्ली पुलिस देश का पहला ऐसा पुलिस बल बन जाएगा जो छह साल और इससे अधिक सज़ा वाले हर अपराध में फॉरेंसिक टीम की विज़िट के साथ मामले की जांच करेगा।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा,“ हमारे देश के न्यायतंत्र को फॉरेंसिक साइंस के एवीडेंस का आधार देकर मज़बूत करने की बहुत ज़रूरत है। अत्याधुनिक सुविधाओं और अलग-अलग प्रकार की 14 फॉरेंसिक किट से युक्त ये वाहन जब क्राइम सीन विज़िट करेगा तब सज़ा कराने के लिए दोष सिद्धि दर में बहुत वृद्धि होगी।”
उन्होंने कहा कि एनएफएसयू के दिल्ली परिसर में शैक्षणिक सुविधाओं के लिए 34 करोड़ रूपए की लागत वाली एक आधुनिक भवन का भी लोकार्पण हुआ है। 5000 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्र में फैली ये बिल्डिंग विद्यार्थियों को मदद मिलेगी। उन्हें पढ़ाई और शोध करने के लिए एक अच्छा माहौल उपलब्ध होगा। इस भवन में 90 आधुनिक छात्रावास के कमरे भी उपलब्ध हैं।