भारतीय इतिहास का जीता जागता उदाहरण है धोलावीरा, घुमने एक बार जरूर आएं धोलावीरा
नवआभा टाइम्स: इतिहासकारों के अनुसार तत्कालीन समय में धोलावीरा की गिनती दुनिया के सबसे बड़े महानगरों में की जाती थी। धोलावीरा नगर 47 हेक्टेयर में फैला हुआ था। यहाँ अभी भी धोलावीरा का अवशेष और खंडहर रूप में अवस्थित है। इतिहास को तीन भागों में बांटा गया है। एक प्राचीन, दुसरा मध्यकालीन और तीसरा आधुनिक भारत है। प्राचीन इतिहास से सिंधु सभ्यता का पता चलता है। प्राचीन इतिहास में हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, धोलावीरा, राखीगढ़ी, सुरकोतदा और कालीबंगा आदि प्रमुख स्थल हैं। इनमें कई पुरातन स्थलों को यूनेस्को ने विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया है। इन सभी स्थलों पर बड़ी संख्या में पर्यटक घूमने आते हैं। अगर आप भारतीय इतिहास को नजदिक से जानना चाहते है तो एक बार धोलावीरा घूमने जरूर जाएं।
धोलावीरा कहां है
इतिहासकारों के अनुसार तत्कालीन समय में धोलावीरा की गिनती दुनिया के सबसे बड़े महानगरों में की जाती थी। 2021 में यूनेस्को ने धोलावीरा को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया है। धोलावीरा शहर के अवशेष और खंडहर की खोज का श्रेय शंभू दान गढ़वी को जाता है। शंभू दान गढ़वी ने साल 1960 में धोलावीरा को खोजा था। धोलावीरा, गुजरात के कच्छ जिले की भचाऊ प्रखंड में स्थित है। खोजकर्ताओं की मानें तो धोलावीरा में खोज से पता चला है कि पश्चिम एशिया, सिंध, पंजाब और गुजरात के कुछ हिस्सों से धोलावीरा का बिजनेस रिलेशन बेहतर था। इन शहरों से धोलावीरा के साथ बिजनेस होता था। यह शहर अपने समय में पूर्णरूपेण से विकसित था। इसका अवशेष आज भी देखने को मिल जाता है। घरों का निर्माण ईंट से होता था। आप अपने अपने दोस्तों और परिवारजनों के साथ प्राचीन भारत से रूबरू होने के लिए धोलावीरा जा सकते हैं।
कैसे पहुंचे धोलावीरा
अगर आप फ्लाइट से धोलावीरा जाना चाहते हैं, तो निकटतम विमानतल पाटनगर भुज है। यहां से धोलावीरा की दूरी 300 किलोमीटर है। भुज से धोलावीरा सड़क मार्ग के जरिए पहुंच सकते हैं। वहीं, ट्रेन से पहले आपको अहमदाबाद जाना होगा। वहां से सामखियाली जा सकते हैं। यहां से धोलावीरा की दूरी 160 किलोमीटर है। इसके अलावा, आप अहमदाबाद से धोलावीरा सड़क मार्ग के जरिए भी जा सकते हैं।