लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम के भाव के साथ डिजिटल इकॉनमी पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में आगे बढ़ा सकती है जो मानव जीवन के कल्याण में मदद करेगी।
जी20 डिजिटल इकॉनमी वर्किंग ग्रुप की बैठक का शुभारंभ करते हुए श्री योगी ने कहा कि जी-20 का स्लोगन वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर यानी ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ वास्तव में भारत का वो प्राचीन श्लोक है जो भारत की दुनिया के बारे में उस सोच को प्रदर्शित करता है कि भारत के पास जो कुछ भी था उसे बिना राग द्वेष के या किसी भी अहंकार के कभी यह नहीं कहा कि यह मेरा है तो इस पर मेरा ही एकाधिकार है। निश्चित ही डिजिटल इकॉनमी वसुधैव कुटुम्बकम के इस भाव के साथ पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में आगे बढ़ाने में मदद कर सकती है और मानवता के कल्याण का काम कर सकती है।
जी20 से जुड़े प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए श्री योगी ने कहा कि आबादी की दृष्टि से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। 25 करोड़ की आबादी यहां निवास करती है। यह भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व भी करता है। भारत की सबसे उर्वरा भूमि भी उत्तर प्रदेश में है। भारत की कुल कृषि योग्य भूमि में से 11 प्रतिशत भूमि उत्तर प्रदेश के पास है। इसमें 20 फीसदी खाद्यान्न उत्पादन उत्तर प्रदेश करता है। सबसे अच्छा जल संसाधन भी उत्तर प्रदेश के पास है। उत्तर प्रदेश के पास सबसे युवा शक्ति है और आधुनिक अर्थव्यवस्था की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण आधार एमएसएमई का बेस चाहिए ऐसे 96 लाख एमएसएमई यूनिट भी उत्तर प्रदेश में मौजूद है।
उन्होने कहा कि पिछले नौ सालों में वैश्विक मंच पर भारत की प्रतिष्ठा को आगे बढ़ाने और दुनिया को नई दिशा देने में प्रधानमंत्री मोदी ने बड़ी भूमिका का निर्वहन किया है। आज प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश सरकार गवर्नेंस के विभिन्न आयामों में अत्याधुनिक तकनीक और डिजिटाइजेशन को अपनाकर प्रदेश की एक बड़ी आबादी को सुविधा उपलब्ध कराने का कार्य कर रही है। देश की आबादी का लगभग हर छठा व्यक्ति उत्तर प्रदेश में निवास करता है। तकनीक का उपयोग करते हुए हम लोग इतनी बड़ी आबादी के साथ पूरे पारदर्शी तरीके से काम कर रहे हैं।
उन्होने कहा कि तकनीक का लाभ किस रूप में प्रदेश के लोगों को प्राप्त हो रहा है यह देश की सबसे बड़ी खाद्यान्न योजना के वितरण के रूप में देखी जा सकती है। यूपी में 80 हजार फेयर प्राइज शॉप्स हैं। छह साल पहले एक शिकायत होती थी कि खाद्यान्न गरीबों को नहीं मिल पाता है। हमने जब ई पॉज मशीन लगाई तो प्रदेश के अंदर हमने उनकी मॉनीटरिंग प्रारंभ की। आज परिणाम है कि 15 करोड़ लोगों को पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम से हम खाद्यान्न उपलब्ध करा रहे हैं और तकनीक के माध्यम से 1200 करोड़ रुपए की सालाना बचत भी कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सदी की सबसे बड़ी महामारी के दौरान प्रदेश में अब तक 40 करोड़ वैक्सीन की डोज नागरिकों को लगाने में सफलता प्राप्त की। सवा छह करोड़ कोविड टेस्ट कराने में भी हमने सफलता प्राप्त की। इस प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए आज व्यापक परिवर्तन हो रहा है। इसका परिणाम है कि देश की 25 करोड़ की आबादी के सबसे बड़े प्रदेश में ये हर ओर परिवर्तन देखने को मिल रहा है। डिजिटल तकनीक आज की आवश्यक्ता है। इसके माध्यम से हम एक पारदर्शी व्यवस्था के साथ प्रत्येक नागरिक के जीवन में व्यापक परिवर्तन लाने का काम कर सकते हैं। उन्होने कहा कि प्रदेश में 2.60 लाख किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि का लाभ, एक करोड़ निराश्रित महिलाओं, दिव्यांगों, वृद्धजनों को पेंशन की सुविधा का लाभ डीबीटी के माध्यम से दिया जा रहा है। इसी प्रकार से प्रदेश के अंदर एक करोड़ छात्रों को स्कॉलरशिप की सुविधा डीबीटी के माध्यम से उनके खातों में करते हैं। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में अध्ययन कर रहे 1.91 लाख बच्चों को यूनिफॉर्म, बैग, बुक्स, शूज, स्वेटर, ये सभी हम डीबीटी के माध्यम से धनराशि उनके अकाउंट में भेजते हैं और वो स्वयं उपयोगी चीजों को क्रय करते हैं।
श्री योगी ने कहा कि ई ऑफिस की प्रणाली लागू होने से प्रदेश की कार्यप्रणाली में पूरी पारदर्शिता आई है। प्रदेश न सिर्फ कृषि और अपने जल संसाधन के लिए और युवा शक्ति के लिए बल्कि एक नई अर्थव्यवस्था के रूप में भी वैश्विक जगत में आगे बढ़ रहा है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में उत्तर प्रदेश को 33 लाख 50 हजार करोड़ के अधिक के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए। इसके लिए भी हमें तकनीक को अपनाना पड़ा। किसी भी एमओयू की मॉनीटरिंग के लिए निवेश सारथी के रूप में डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किया। सिंगल विंडो की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए निवेश मित्र के रूप में हमने यह सुविधा हर एक निवेशक को उपलब्ध कराई।