मुंबई। बम्बई उच्च न्यायालय ने आगामी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना को ‘राष्ट्रीय महत्व’ की योजना बताते हुए गुरुवार को हरी झंडी दे दी। विक्रोली मुंबई उपनगर में अपनी जमीन के अधिग्रहण को चुनौती देने वाली गोदरेज एंड बॉयस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी की याचिका को खारिज करते हुए अदालत ने एक आदेश पारित किया।
न्यायमूर्ति आर. डी. धानुका और न्यायमूर्ति एम. एम. सथाये की खंडपीठ ने कहा “अधिग्रहण में कोई अनियमितता नहीं है।” इस कहते हुए न्यायालय ने परियोजना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
सरकार और गोदरेज समूह के बीच वर्ष 2019 के कंपनी की भूमि के अधिग्रहण को लेकर विवाद चल रहा है। जापानी सहयोग से बनने वाली इस परियोजना को प्रधानमंत्री मोदी की पंसदीदा परियोजना माना जाता है।
बुलेट ट्रेन परियोजना 508 किलोमीटर लंबी होगी जिसमें 21 किलोमीटर हिस्सा भूमिगत होगा। इस भूमिगत सुरंग का एक सिरा जिस ओर खुलेगा वहां विक्रोली में जमीन गोदरेज कंपनी के स्वामित्व में है और जिसका सरकार ने अधिग्रहण कर लिया है।