मंत्री टीएस सिंहदेव दिए जांच के आदेश
सरगुजा:सरगुजा मेडिकल कॉलेज में पावर कट के चलते चार मासूम की मौत हो गई है, दरअसल छत्तीसगढ़ में एक दर्दनाक हादसे ने हर किसी को दुखी कर दिया है. सरगुजा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पावर कट के चलते दो घंटे तक वेंटिलेटर बंद रहा. नतीजा वेंटिलेटर बंद रहने के कारण चार बच्चों की मौत हो गई. इस दर्दनाक हादसे के बाद प्रशासन भी सकते में आ गया है. मामला सरगुजा मेडिकल कॉलेज का है. यहां पर दो घंटे तक आईसीयू का वेंटिलेटर बंद रहा. इसके चलते चार नवजातों की जान चली गई है. इसके बाद मृतकों के परिजनों ने अस्पताल में ही जमकर हंगामा शुरू कर दिया और अस्पताल पर लापरवाही का आरोप भी लगाया.
घटना रविवार देर रात की
ये घटना रविवार देर रात की बताई जा रही है. बताया जा रहा है कि देर रात को सरगुजा मेडिकल कॉलेज में बिजली चली गई थी. ऐसे में आईसीयू में लाइट कट हो गया और जनरेटर भी चल सका, जिससे चार नवजात बच्चों को जान चली गई| जैसे ही इस हादसे के बारे में मृतकों के परिजनों को भनक लगी. अस्पताल में हड़कंप मच गया. परिवार के लोगों ने शोर मचाना शुरू कर दिया. धीरे-धीरे मामला और गंभीर होता चला गया और हंगामे में कई अन्य लोग भी शामिल हो गए. इन लोगों का आरोप था कि, अस्पताल में घोर लापरवाही के चलते ही ये हादसा हुआ है. मामले की गंभीरता को देखते हुए मौके पर तुरंत सरगुजा कलेक्टर भी पहुंच गए. इस दौरान उन्होंने मामले को शांत कराने की कोशिश भी की और शिशु वार्ड का निरीक्षण भी किया.
अस्पताल में 46 बच्चे थे एडमिट
मिली जानकारी के मुताबिक, घटना के वक्त अस्पताल में 46 मासूम एडमिट थे. इनमें से कई बच्चों की स्तिथि नाजुक होने के चलते उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. लेकिन जैसे ही बिजली गई दो घंटे तक वेंटिलेटर बंद रहा. इसी बड़ी लापरवाही के चलते बड़ा हादसा हो गया. बताया जा रहा है कि, इस दौरान ऑक्सीजन सप्लाइ पूरी तरह प्रभावित हो गई थी.एक तरफ जहां मृतकों के परिजन अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं, वहीं हॉस्पिटल ने इसके उलट अपना कुछ और दावा कर रहा है. अस्पताल का कहना है कि बिजली सिर्फ आधे घंटे के लिए बंद हुई थी. अस्पताल का कहना है कि मरने वालों में से दो बच्चों की हालात बहुत नाजुक थी और उनकी मौत सामान्य तरीके से हुई है.