0 अधोसंरचना विकास के लिए रहेगा समर्पित
0 अनुपूरक बजट के बाद राज्य का कुल 01 लाख 55 हजार 580 करोड़ रूपए का हुआ
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार का द्वितीय अनुपूरक बजट विधानसभा में पारित हुआ। वित्त मंत्री ओपी चौधरी द्वारा वर्ष 2024-25 के लिए प्रस्तुत किए गए 805 करोड़ 71 लाख 74 हजार 286 रूपए का द्वितीय अनुपूरक बजट गुरुवार को विधानसभा में पारित किया गया। सदन में पारित हुए अनुपूरक बजट को मिलाकर चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य के बजट का आकार कुल 01 लाख 55 हजार 580 करोड़ रूपए का हो गया है। इसमें मुख्य बजट के रूप में पारित 1 लाख 47 हजार 446 करोड़, प्रथम अनुपूरक बजट में 7 हजार 329 करोड़ रूपए और द्वितीय अनुपूरक बजट का 805 करोड़ 71 लाख 74 हजार 286 रूपए शामिल है।
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने सदन में अनुपूरक बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता मोदी की गारंटी पर भरोसा करती है। सरकार बनने के 12 दिनों बाद ही मोदी की गारंटी के अनुरूप सरकार ने 12 लाख से अधिक किसानों को दो साल के बकाया बोनस राशि 3716 करोड़ रूपए का भुगतान किया। शपथ ग्रहण के अगले ही दिन कैबिनेट की बैठक में राज्य के 18 लाख गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत आवास देने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय को अमल में लाते हुए 8 लाख हितग्राहियों को आवास निर्माण के लिए पहली किस्त जारी की जा चुकी है। चौधरी ने कहा कि वर्ष 2003 में छत्तीसगढ़ में 5 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी होती थी। हमारी सरकार ने खरीफ वर्ष 2023 में रिकार्ड 145 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की है। कृषक उन्नति योजना के माध्यम से किसानों को 13 हजार 320 करोड़ रूपए भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषक मजदूर योजना के अंतर्गत हितग्राहियों को राशि का भुगतान सरकार जल्द करेगी।
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने अनुपूरक बजट पर चर्चा के जवाब में कहा कि हम लोग सरकार बनने के तीसरे महीने से ही महिलाओं को महतारी वंदन योजना का लाभ दे रहे हैं। यह योजना राज्य की महिलाओं के सामाजिक सशक्तिकरण का नया अध्याय लिखेगी। इस योजना की लाभार्थी महिलाओं को ग्रामीण विकास बैंक द्वारा महतारी सशक्तीकरण योजना के माध्यम से 9 प्रतिशत ब्याज पर 25 हजार रूपए का लोन दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वनांचलों में तेन्दूपत्ता संग्राहकों का मानदेय 4000 रूपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 5500 रूपए किया गया है। राज्य के साढ़े 12 लाख परिवारों को इसका लाभ मिल रहा है। तेन्दूपत्ता संग्राहकों को राजमोहिनी देवी तेन्दूपत्ता सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत बीमा का लाभ मिल रहा है। उनके लिए चरण पादुका योजना दोबारा शुरू कर रहे हैं।
मंत्री चौधरी ने कहा कि राज्य शासन तेज आर्थिक और सुधारवादी विकास के लिए प्रतिबद्ध है। छत्तीसगढ़ स्थापना के 25वें वर्ष को अटल निर्माण वर्ष के रूप मनाया जाएगा। इसके तहत अधोसंरचना विकास के कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी। सड़क, पुल, अस्पतालों और रेल लाईनों में पूंजीगत व्यय के लिए पर्याप्त राशि प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में 30 हजार करोड़ रूपए के सड़कों का काम आगे बढ़ रहा है। इनमें 4 राष्ट्रीय राजमार्गों को फोरलेन करने के साथ ही रायपुर के सरोना चौक, तेलीबांधा चौक और धनेली में फ्लाई ओवर के निर्माण शामिल है। चौधरी ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के अधोसंरचना की मजबूती के लिए भी हम पर्याप्त राशि दे रहे हैं। गीदम, कबीरधाम, जांजगीर-चांपा और मनेन्द्रगढ़ में 4 नए मेडिकल कॉलेजों के लिए 1280 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी गई है। रायपुर मेडिकल कॉलेज के लिए 232 करोड़, सिम्स बिलासपुर के लिए 700 करोड़ और अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज के लिए 109 करोड़ रूपए मंजूर किए गए हैं।
अनुपूरक बजट पर चर्चा का उत्तर देते हुए वित्त मंत्री चौधरी ने कहा कि हम वित्तीय अनुशासन के साथ सुधारवादी बजट लेकर आए हैं। तीसरे अनुपूरक बजट में प्रावधानित 806 करोड़ रूपए में से 508 करोड़ रूपए पूंजीगत व्यय के लिए और 298 करोड़ रूपए राजस्व व्यय के लिए है। इसमें राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए 250 करोड़ रूपए, नगरीय निकायों में अधोसंरचना विकास के लिए 200 करोड़ रूपए और मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना के लिए 100 करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है।
वित्त मंत्री चौधरी ने बताया कि द्वितीय अनुपूरक बजट मेें घरेलू विमान सेवा (उड़ान योजना) के लिए 25 करोड़ रूपए, हस्तशिल्प उत्पादों को राजधानी रायपुर में एक जगह उपलब्ध कराने के लिए बनाए जा रहे यूनिटी मॉल के 19 करोड़ 50 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। बजट में चित्रोत्पला फिल्म सिटी, बस्तर ओलंपिक, नियद नेल्लानार, धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान, पीएम जनमन योजना और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जैसी योजनाओं के लिए भी प्रमुखता से प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य के युवाओं को जॉब-सीकर्स से जॉब-क्रिएटर्स बनाने और सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम के लिए नई औद्योगिक नीति में जोर दिया गया है।