एनवीडिया एक बार फिर बनी दुनिया की सबसे वैल्युएबल कंपनी

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0 एपल और माइक्रोसॉफ्ट को पीछे छोड़ा, मार्केट कैप 289 लाख करोड़ के पार
सांता क्लारा (कैलिफोर्निया)। सेमीकंडक्टर चिप बनाने वाली कंपनी एनवीडिया एक बार फिर दुनिया की सबसे वैल्यूएबल कंपनी बन गई है। मंगलवार (5 नवंबर) को कंपनी के शेयर में 2.84% की तेजी रही, जिसके चलते मार्केट कैप बढ़कर 3.43 ट्रिलियन डॉलर (करीब 289 लाख करोड़ रुपए) पहुंच गया।

कंपनी ने यह मुकाम आईफोन बनाने वाली कंपनी एपल को पीछे छोड़कर हासिल किया है। एपल का मार्केट कैप 3.38 ट्रिलियन डॉलर (करीब 285 लाख करोड़ रुपए) है। वहीं माइक्रोसॉफ्ट का मार्केट कैप 3.06 ट्रिलियन डॉलर (करीब 250 लाख करोड़ रुपए) है। इससे पहले एनवीडिया जून 2024 में दुनिया की सबसे वैल्यूएबल कंपनी बनी थी, लेकिन, कंपनी के नाम यह रिकॉर्ड केवल एक दिन के लिए ही रह पाया था।

2002 में एनवीडिया का मार्केट कैप एपल से आगे निकला था
साल 2002 में भी एनवीडिया का मार्केट कैप एपल से आगे पहुंच गया था। तब दोनों कंपनियों का मार्केट कैप 10 बिलियन डॉलर (करीब 83,000 करोड़ रुपए) से कम था। 5 साल बाद 2007 में एपल ने पहला आईफोन लॉन्च किया, उसके बाद उसका मार्केट कैप तेजी से बढ़ा।

दुनिया की सबसे वैल्युएबल सेमीकंडक्टर फर्म
एनवीडिया पहले से ही दुनिया की सबसे वैल्युएबल सेमीकंडक्टर फर्म है। एनवीडिया के भारत में चार इंजीनियरिंग डेवलपमेंट सेंटर हैं। ये हैदराबाद, पुणे, गुरुग्राम और बेंगलुरु में स्थित हैं। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, एनवीडिया अपने एआई एक्सेलरेटर को अपग्रेड करने की योजना बना रही है।

जीपीयू को डिजाइन और मैन्युफैक्चर करती है कंपनी
एनवीडिया एक टेक्नोलॉजी कंपनी है, जो ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (जीपीयू) के डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग के लिए जानी जाती है। 1993 में जेन्सेन हुआंग, कर्टिस प्रीम और क्रिस मालाचोव्स्की ने इसकी स्थापना की थी। इसका मुख्यालय कैलिफोर्निया के सांता क्लारा में है। एनवीडिया गेमिंग, क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग और प्रोफेशनल एप्लिकेशन्स के लिए चिप को डिजाइन और मैन्युफैक्चर करती है। इसके साथ-साथ व्हीकल्स, रोबोटिक्स और अन्य उपकरणों में भी उसके चिप सिस्टम का इस्तेमाल होता है।

कंपनी के सीईओ जेन्सेन हुआंग की नेटवर्थ 89 लाख करोड़
ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स के अनुसार, बुधवार को शेयर में उछाल से कंपनी के सीईओ जेन्सेन हुआंग की नेटवर्थ में 5 बिलियन डॉलर से ज्यादा (करीब 41 हजार करोड़ रुपए) की बढ़ोतरी हुई, जिससे उनकी कुल नेटवर्थ 107.4 बिलियन डॉलर (करीब 89 लाख करोड़) हो गई।

एपल को इस साल चुनौतियों का सामना करना पड़ा
इस साल एपल को चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, चीन में आईफोन की घटती मांग और यूरोपीय यूनियन से जुर्माने की चिंताओं के कारण इसके शेयरों पर दबाव पड़ा है। बुधवार को एपल का शेयर 0.78% की तेजी के साथ 195.87 डॉलर पर बंद हुआ। पिछले एक महीने में एपल के शेयर में 7.79% की तेजी देखने को मिली है। वहीं, 6 महीने में एपल के शेयर में 1.85% और एक साल में 9.30% का रिटर्न दिया है।

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