रायपुर मेकाहारा में लगी आग, सर्जरी के दौरान फटा एसी कंप्रेशर

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0 ऑपरेशन थियेटर में तड़पता रहा मरीज
0 खिड़की काटकर एसडीआरएफ ने किया रेस्क्यू, सुरक्षा इंतजाम नहीं
रायपुर। छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रायपुर के मेकाहारा अस्पताल में मंगलवार दोपहर एसी का कंप्रेशर फटने से आग लग गई। बताया जा रहा है कि मरीज का ऑपरेशन चल रहा था, तभी आग भड़की। कड़ी मशक्कत के बाद फायर ब्रिगेड की 3 गाड़ियों ने आग पर काबू पाया।

मिली जानकारी के मुताबिक जब आग लगी तो ऑपरेशन को बीच में रोककर डॉक्टर रेस्क्यू में जुट गए। इस दौरान मरीज तड़पता रहा। सुरक्षा इंतजाम नहीं होने की वजह से मरीज को निकालने में देरी हुई। वहीं आग बुझाने के बजाय मेकाहारा के सुरक्षाकर्मी मीडिया को वीडियो बनाने से रोकते नजर आए।

ट्रामा सेंटर के ऑपरेशन थियेटर में लगी आग
बताया जा रहा है कि सबसे पहले आग ट्रामा सेंटर के एक ऑपरेशन थियेटर में लगी। इसके बाद लपटें आस-पास फैलने लगी। मौके पर मौजूद स्टाफ ने आग को बुझाने की कोशिश की, लेकिन ट्रामा सेंटर में अधिक धुआं भर गया। इसकी वजह से वहां दिखना बंद हो गया।

कटर से खिड़की काटकर मरीज को बाहर निकाला
मरीज को ट्रॉमा सेंटर के ऑपरेशन थियेटर से दरवाजे के जरिए बाहर निकालने की कोई व्यवस्था नहीं थी, जिसके बाद एसडीआरएफ की टीम ने कटर से खिड़की की ग्रिल को काटा। एसडीआरएफ की टीम ने डॉक्टरों की मदद से मरीज को बाहर निकाला और दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया।

सुरक्षाकर्मियों ने बंद कर दिया दरवाजा, भरा धुआं
धुआं से भरे कमरे में मीडियाकर्मियों को वीडियो बनाने से रोकने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने दरवाजा बंद कर दिया। अंदर जब धुआं भरा तो उन्हें लापरवाही समझ आई, फिर वापस दरवाजा को खोला गया। लापरवाही भरी हरकत का वीडियो भी रिकॉर्ड हुआ है, जिसमें सुरक्षाकर्मी समेत कुछ स्टॉफ के लोग मोबाइल छीनते भी दिख रहे हैं।

ग्राउंड फ्लोर से चौथी मंजिल पर फेंका गया पानी
बताया जा रहा है कि ऑपरेशन थियेटर के भीतर किसी भी प्रकार के सेफ्टी के इंतजाम नहीं थे। एसडीआरएफ और फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने ग्राउंड फ्लोर से ही चौथे फ्लोर की खिड़की पर पानी की बौछारें की। इससे ट्रामा सेंटर के एक हिस्से की आग बस बुझ पाई, लेकिन दूसरा हिस्सा जलता रहा।

कलेक्टर ने कहा-मरीज की हालत सामान्य
मामले को लेकर रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह ने कहा कि रोड एक्सीडेंट में घायल पेशेंट के घुटने और शरीर के ऊपरी हिस्से का इलाज किया जा रहा था। इस घटना के बाद मरीज को दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया है। फिलहाल उसकी हालत सामान्य है।

जांच के बाद कमियों को दूर करेंगे
ऑपरेशन थिएटर में सुरक्षा के इंतजाम नहीं होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच के बाद जो भी कमियां आएंगी उसे दूर करेंगे, जिससे कि भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो।

जुडा ने कहा-डॉक्टर भी रेस्क्यू में हुए चोटिल
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के पदाधिकारी डॉ.धर्मेंद्र और डॉ. सार्थक ने बताया कि इस दुर्घटना के बाद जो डॉक्टर मरीज को रेस्क्यू करने में लगे हुए थे, उन्हें भी चोंटे आई है। हालांकि उनकी हालत सामान्य है। शरीर के अंदर धुआं भरने की वजह से निगरानी में रखा गया है। घटना के बाद रेस्क्यू करने में डॉक्टर प्रीतम प्रजापति, डॉ. ओर्के, डॉ. अजीन समेत पैरामेडिकल के स्टाफ भी शामिल थे।

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