आदिवासी दिवस पर कांग्रेस ने सीएम साय को लिखी चिट्‌ठी

0
32

0 बैज ने लिखा- आपके राज में समाज खुद को ठगा महसूस कर रहा, आरक्षण पर आप मौन
रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नाम चिट्ठी लिखी है। यह चिट्ठी आदिवासी दिवस को ध्यान में रखते हुए लिखी गई है। 9 अगस्त को पूरे प्रदेश में आदिवासी दिवस मनाया गया। आदिवासियों से जुड़े सियासी मामलों को लेकर कांग्रेस ने चिट्ठी मुख्यमंत्री को भेजी है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने अपनी चिट्ठी में सरकार पर आदिवासियों के हित में काम न करने, आदिवासी आरक्षण डेढ़ साल से लंबित होने, रायपुर में आयोजित आदिवासी महोत्सव में मुख्यमंत्री के न जाने को कांग्रेस ने सियासी मुद्दा बनाया है। नक्सल हमलों में आदिवासियों के मारे जाने, लॉ-एंड ऑर्डर के बिगड़ते मामलों को लेकर भी इस सियासी चिट्‌ठी में कांग्रेस ने कई सवाल खड़े किए हैं।

क्या लिखा है बैज ने चिट्‌ठी में
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज और प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय दोनों ही आदिवासी समुदाय के नेता हैं। आदिवासी दिवस पर कांग्रेस अध्यक्ष बैज ने सीएम साय को लिखा है कि इन 8 महीनों की सरकार में, आदिवासी मुख्यमंत्री के राज में सबसे ज्यादा आदिवासी प्रताड़ित हुई है। आपको विश्व आदिवासी दिवस की बधाई और शुभकामनायें।
बैज ने पहले लिखा कि जब आप छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने थे पूरे आदिवासी समाज को प्रसन्नता हुई थी कि आदिवासी समाज से प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया है। 8 महीने की आपकी सरकार में आदिवासियों के ऊपर हो रहे अत्याचार, उपेक्षा से आज पूरा समाज आहत है। बस्तर में एक बार फिर से आदिवासी वर्ग नक्सलवादी तथा सुरक्षाबलो के दो पाटों के बीच पीस रहा है। पिछले पांच वर्षों में फर्जी मुठभेड़ में आदिवासियों की हत्यायें रूक गयी थी, आपके सराकर में लगातार फिर से बस्तर के आदिवासियों के ऊपर फर्जी मुठभेड़, फर्जी सरेंडर, फर्जी नक्सलियों के नाम से जेल भेजने का काम और निर्दोष आदिवासियों के ऊपर लगातार अत्याचार कर रही है।

डायरिया और मलेरिया से आदिवासियों की मौतें हो रही
बैज ने आगे लिखा है कि पिछले 8 माह में राज्य में डायरिया और मलेरिया से आदिवासियों की मौतें हो रही है। संरक्षित जनजाति बैगा और पहाड़ी कोरवा की समुदाय के अनेकों लोगों की मौत मलेरिया, डायरिया से हुई है। मन व्यथित हो जाता है जब आपकी सरकार और पूरा तंत्र इन मौतों को रोकने ठोस उपाय करने के बजाय मौतों को नकारने में लग जाता है तब ऐसा महसूस ही नहीं होता कि हमारे ही समुदाय का व्यक्ति सरकार का मुखिया है।

आदिवासी रायपुर में भी सुरक्षित नहीं
बैज ने लिखा कि मुख्यमंत्री जी आपके राज में बस्तर का आदिवासी रायपुर में भी सुरक्षित नहीं है। राजधानी में आदिवासी बच्चे को पीट-पीटकर हत्या कर दी जाती है। आगे बैज लिखते हैं- आदिवासियों को 32 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिलाने छत्तीसगढ़ विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित आरक्षण विधेयक पिछले डेढ़ वर्षों से राजभवन में लंबित है आप उस पर भी मौन है।

तेंदूपत्ता संग्राहक बीमा योजना भी दुर्भावनापूर्वक बंद कर दिया
बैज ने लिखा कि आपकी सरकार ने शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक बीमा योजना भी दुर्भावनापूर्वक बंद कर दिया। आपकी सरकार ने इसका कोई विकल्प भी नहीं दिया, तेंदूपत्ता श्रमिक आज बीमाहीन है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के द्वारा चलाये जा रहे सुपोषण अभियान को आपने दुर्भावनापूर्वक बंद कर दिया जिसका सर्वाधिक नुकसान आदिवासी बच्चों और महिलाओं को उठाना पड़ रहा है।

कोई शासकीय कार्यक्रम का आयोजन नहीं
बैज ने लिखा- विश्व आदिवासी दिवस के दिन आपके शासनकाल में कोई शासकीय कार्यक्रम नहीं होना यह बताता है कि आपकी नाक के नीचे आदिवासी अस्मिता को दबाने का षड़यंत्र सफल हो रहा है। इस पत्र को लिखने की मेरी मंशा मात्र इतनी है कि इस आदिवासी बाहुल प्रदेश का आदिवासी अपने आप को असहाय महसूस कर रहा है। कहने को तो प्रदेश का मुखिया आदिवासी है लेकिन वह आदिवासियों को ही सुरक्षित नहीं रख पा रहा। आपके राज में आदिवासी समाज अपने को ठगा महसूस कर रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here