छत्तीसगढ़ के पंचायत सचिवों का होगा शासकीयकरण, समिति गिठत

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0 पंचायत विभाग के सचिव की टीम 30 दिन में सरकार को सौंपेगी रिपोर्ट
रायपुर। छत्तीसगढ़ के पंचायत सचिवों की नौकरी सरकारी होने जा रही है। पंचायत सचिवों के शासकीयकरण को लेकर प्रदेश सरकार ने समिति का गठन किया है। प्रदेश के पंचायत विभाग के सचिव को समिति का प्रमुख बनाया गया है। यह समिति 30 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। प्रदेश में करीब 6000 पंचायत सचिव हैं।
सरकार ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव राजेश सिंह राणा को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। पंचायत संचालनालय की संचालक प्रियंका ऋषि महोबिया को सदस्य सचिव तथा विकास आयुक्त कार्यालय के वित्त नियंत्रक मो.यूनूस को सदस्य बनाया गया है। यह समिति 30 दिनों के भीतर अपना प्रतिवेदन शासन को प्रस्तुत करेगी।

दरअसल, 7 जुलाई को पंचायत दिवस के दिन रायपुर में मुख्यमंत्री ने पंचायत सचिवों से उनके सरकारीकरण का वादा किया था। तब मुख्यमंत्री प्रदेश पंचायत सचिव संघ, छत्तीसगढ़ की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में शामिल हुए थे।

57 दिन हड़ताल पर थे सचिव
पंचायत सचिव सरकारीकरण किए जाने की मांग लेकर पिछले साल हड़ताल पर थे। करीब 57 दिनों तक चली हड़ताल में गांव के पंचायत दफ्तरों में होने वाले काम-काज ठप थे। चुनावी महीने में भाजपा ने इन सभी से वादा किया था कि सरकार बनेगी तो इनके शासकीयकरण पर काम होगा।

कौन होता है पंचायत सचिव?
ग्राम पंचायत सचिव गांव के विकास कार्यों के प्रस्ताव, रोजाना होने वाले कामों का लेखा-जोखा रखता है। साथ ही लिपिकीय (क्लर्क) कार्यों और फंड का हिसाब रखता है। पंचायत सचिव को पंचायत कार्यालय का प्रभारी भी कहा जाता है। वो ग्रामीणों के बीच सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार का भी काम करता है। गांव में योजनाओं के आवेदन भरवाना, गांव में आम आदमी की समस्या सुनने और सुविधाओं को लेकर सचिव काम करता है। सचिव को जिला कलेक्टर ऑफिस और गांव के बीच की कड़ी कहा जा सकता है। मशहूर वेब सीरीज पंचायत में भी एक पंचायत सचिव का किरदार दिखाया गया है।

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