कोयला घोटाला केसः ईओडब्ल्यू को मिली रानू साहू व सौम्या चौरसिया की रिमांड

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0 कोल स्कैम केस में 27 मई तक होगी पूछताछ
0 अबतक रायपुर जेल में बंद थी दोनों

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाला केस में ईओडब्ल्यू को रानू साहू और सौम्या चौरसिया की रिमांड मिल गई है। दोनों को प्रोडक्शन वारंट पर लेकर ईओडब्ल्यू की टीम गुरुवार को रायपुर स्पेशल कोर्ट पहुंची। यहां टीम ने 15 दिन की रिमांड मांगी थी हालांकि कोर्ट से 4 दिन की ही रिमांड मिली है।

ईओडब्ल्यू अब 27 मई तक दोनों से कोयला घोटाला केस में पूछताछ करेगी। इससे पहले तक निलंबित आईएएस रानू साहू और सौम्या चौरसिया रायपुर सेंट्रल जेल में बंद थीं। गुरुवार को जज अतुल श्रीवास्तव की कोर्ट ने दोनों की रिमांड ईओडब्ल्यू को सौंप दी है।

बचाव पक्ष ने कहा- रिमांड के लिए कोई पुख्ता तथ्य नहीं
बचाव पक्ष के वकील फैजल रिज़वी ने कहा कि ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तारी के बाद एप्लीकेशन लगाई है, उन्होंने मांग की है कि 5 जून तक रिमांड दी जाए। इसका हमने विरोध किया है। हमने कहा है कि ईडी के केस में एक की बेल हो गई है और रानू साहू की बेल सुप्रीम कोर्ट में लगी हुई है। वहीं सौम्या चौरसिया की बेल पर भी हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है इस वजह से ही फिर गिरफ्तारी की जा रही है। रिमांड मांगने के लिए भी कुछ पुख्ता तथ्य पेश नहीं किए गए हैं। 3 दिन तक पहले ही पूछताछ हो चुकी है इसलिए हमने रिमांड पर आपत्ति जताई है।

पहले जेल में भी हो चुकी है पूछताछ
इससे पहले भी विशेष कोर्ट 5 दिन और फिर 3 दिन के लिए पूछताछ की अनुमति दे चुकी है। तब टीम ने रायपुर सेंट्रल जेल में 29 मार्च से 2 अप्रैल तक और उसके बाद 4 से 7 अप्रैल तक पूछताछ की थी। इसी मामले में जेल में बंद निलंबित आईएएस समीर विश्नोई, शिवशंकर नाग और सूर्यकांत तिवारी से पूछताछ हो चुकी है। छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाले मामले में ईडी की रिपोर्ट पर एसीबी-ईओडब्ल्यू ने दो पूर्व मंत्रियों, विधायकों सहित 36 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है। वहीं, इस मामले में एसीबी की टीम ने जांच शुरू कर दी है।

कोल स्कैम केस में अब तक क्या हुआ
ईडी ने इस मामले में अब तक कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सचिवालय में काम करने वाली अधिकारी सौम्या चौरसिया, आईएएस समीर विश्नोई समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। 222 करोड़ की संपत्ति अटैच की गई है और इस पूरे मामले की जांच जारी है। प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के अलावा इसे प्रदेश का बड़ा आर्थिक अपराध मानते हुए एसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी।

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