अयोध्या। श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर में रामलला के बाल विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के दूसरे दिन अयोध्या में श्रद्धा का जनसैलाब उमड़ पड़ा है।
अयोध्या में रामलला के दर्शन को लेकर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रामजन्मभूमि स्थल पर तड़के से ही पहुंचने लगी है। लोगों में रामलला के दर्शन को लेकर उत्साह और उत्सुकता का माहौल है। श्रद्धालुओं के अपेक्षा से अधिक तादाद में पहुंचने से मंदिर प्रशासन और सुरक्षा बलों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।
पब्लिक एड्रेस सिस्टम के जरिये श्रद्धालुओं से संयम बनाये रखने की अपील की जा रही है मगर मंदिर प्रांगढ़ और आसपास के क्षेत्रों में तिल रखने भर की जगह नहीं बची है। कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के बावजूद बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक जयश्रीराम के नारे लगाते हुये मंदिर परिसर की ओर जाते दिख रहे है।
श्रद्धालुओं की भारी संख्या के मद्देनजर अयोध्या जाने वाले मार्ग पर यातायात परिवर्तन के लिये जिला प्रशासन को विवश होना पड़ा है। लोगों से अपील की जा रही है कि वह दर्शन को लेकर संयम बनाये। भगवान के दर्शन सबको सुलभ कराये जायेंगे।
इस बीच बाराबंकी से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार अयोध्या का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले बाराबंकी में पुलिस ने अयोध्या की ओर जाने वाले सभी वाहनों को परिवर्तित मार्ग से जाने दिया जा रहा है जिससे अयोध्या में धाम में भीड़ को काबू में किया जा सके। पैदल चलने वाले यात्रियों को भी राम पथ अयोध्या की तरफ जाने से रोका गया है। आज सुबह पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर लोगों को अयोध्या की तरफ न जाने की सलाह दी है।
रामलला की नई मूर्ति का नाम बालक राम होगा, प्रभु बच्चे की तरह दिखते हैं
अयाेध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की गई रामलला की नई मूर्ति को बालक राम के नाम से जाना जाएगा। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा में शामिल रहे पुजारी अरुण दीक्षित ने बताया- नई मूर्ति का नाम बालक राम रखने का कारण यह है कि प्रभु एक बच्चे की तरह दिखते हैं, जिनकी उम्र 5 साल है। वाराणसी के रहने वाले अरुण दीक्षित ने बताया कि पहली बार जब मैंने मूर्ति देखी, तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मेरी आंखों में खुशी के आंसू बहने लगे। उस समय मुझे जो अनुभूति हुई, उसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता। उन्होंने आगे कहा कि अब तक मैं 50-60 बड़े अभिषेक में शामिल रहा, लेकिन मेरे जीवन का यह सबसे अलौकिक, दिव्य और सर्वश्रेष्ठ कार्यक्रम रहा। दीक्षित ने कहा कि उन्हें मूर्ति की पहली झलक 18 जनवरी को मिली थी।
प्राण-प्रतिष्ठा में 6 यजमान शामिल हुए
सोमवार यानी 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा पूजा में पीएम मोदी और आरएसएस चीफ मोहन भागवत समेत 6 यजमान शामिल हुए। इसके बाद मोदी ने करीब 35 मिनट का भाषण दिया। पीएम ने कहा कि कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी। राम मंदिर किसी आग को नहीं, ऊर्जा को जन्म दे रहा है।
पुरानी मूर्ति नई मूर्ति के सामने रखी गई
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अनुसार, रामलला की पुरानी मूर्ति, जो पहले एक अस्थायी मंदिर में रखी गई थी। उसे भी नई मूर्ति के सामने रखा गया है। मूर्ति के लिए आभूषण अध्यात्म रामायण, वाल्मिकी रामायण, रामचरितमानस और अलवंदर स्तोत्रम जैसे ग्रंथों के गहन शोध और अध्ययन के बाद तैयार किए गए हैं।
मूर्ति को बनारसी कपड़े से सजाया गया
मूर्ति को बनारसी कपड़े से सजाया गया है, जिसमें एक पीली धोती और एक लाल ‘पताका’ या ‘अंगवस्त्रम’ है। ‘अंगवस्त्रम’ को शुद्ध सोने की ‘जरी’ और धागों से सजाया गया है, जिसमें शुभ वैष्णव प्रतीक-शंख, पद्म, चक्र और मयूर शामिल हैं।
रामलला ने पहने 5 किलो सोने के आभूषण
5 साल के बालक रूप में विराजमान रामलला का सोने के आभूषणों से श्रृंगार देख लोग भाव-विभोर हो गए। ट्रस्ट सूत्रों के मुताबिक 200 किलो की प्रतिमा को 5 किलो सोने के जेवरात पहनाए गए हैं। नख से ललाट तक भगवान जवाहरातों से सजे हुए हैं। रामलला ने सिर पर सोने का मुकुट पहना है। मुकुट में माणिक्य, पन्ना और हीरे लगे हैं। बीच में सूर्य अंकित हैं। दायीं ओर मोतियों की लड़ियां हैं। वहीं, कुंडल में मयूर आकृतियां बनी हैं। इसमें भी सोना, हीरा, माणिक्य और पन्ना लगा है। ललाट पर मंगल तिलक है। इसे हीरे और माणिक्य से बनाया है। कमर में रत्न जड़ित करधनी है। इसमें छोटी-छोटी पांच घंटियां भी लगाई हैं। दोनों हाथों में रत्न जड़े कंगन हैं। बाएं हाथ में सोने का धनुष और दाहिने में सोने का बाण है।