उग्रवादी संगठन उल्फा और केंद्र सरकार के बीच शांति समझौता

0
47

0 700 कैडरों ने भी किया समर्पण, 12 साल की बातचीत का नतीजा

नई दिल्ली। यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के वार्ता समर्थक गुट ने शुक्रवार  को केंद्र और असम सरकारों के साथ एक त्रिपक्षीय समझौता साइन किया। इस शांति समझौते में हिंसा छोड़ने और समाज की मुख्यधारा में शामिल होने की बातें शामिल हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की मौजूदगी में यह समझौता हुआ।

यह शांति समझौता अरबिंद राजखोवा के नेतृत्व वाले उल्फा गुट और सरकार के बीच 12 साल चली बिना शर्त बातचीत का समापन है। शांति समझौते के साथ उल्फा के 700 कैडरों ने भी समर्पण किया है। उत्तर पूर्व में उल्फा का बीते कई सालों से आर्म्ड फोर्सेज के खिलाफ संषर्घ का इतिहास है। इस शांति समझौते से असम में लंबे समय से चले आ रहे विद्रोह का अंत होने की उम्मीद है।

दरअसल, उल्फा के एक गुट के 20 नेता पिछले एक हफ्ते से दिल्ली में थे। भारत सरकार और असम सरकार के अधिकारी इन नेताओं को शांति समझौते के मसौदे पर साइन करने के लिए तैयार करने की कोशिश कर रहे थे। उल्फा के जिस गुट ने शांति समझौते पर साइन किए हैं, उसका नेतृत्व अनूप चेतिया करते हैं। इस गुट ने साल 2011 के बाद से हथियार नहीं उठाए हैं।

समझौते के बिंदु
0 उल्फा के मेंबर्स ने सशस्त्र आंदोलन का रास्ता छोड़ दिया है, भारत सरकार उन्हें मुध्यधारा में लाने का हर संभव प्रयास करेगी।
0 असम सरकार उल्फा कैडरों के लिए रोजगार के अवसर मुहैया कराएगी।
0 असम के लोगों की सांस्कृतिक विरासत बरकरार रहेगी।
0 राज्य के लोगों के लिए बेहतर रोजगार के साधन मौजूद होंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here