4 आईपीएस अफसरों के तबादले, डीआईजी पारुल माथुर को सशस्त्र पुलिस में सरगुजा भेजा गया

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0 सारंगढ़-बिलाईगढ़ के एसपी भी बदले गए

रायपुर। राज्य सरकार ने बुधवार को भारतीय पुलिस सेवा के चार अफसरों का तबादला किया है। इस आदेश से सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के एसपी बदल गए हैं। वहीं 10 दिन पहले ही बिलासपुर एसएसपी पद से एसीबी में डीआईजी बनाई गईं पारुल माथुर को छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल में सरगुजा रेंज का डीआईजी बनाकर भेजा गया है।

गृह विभाग के संयुक्त सचिव अभिजीत सिंह ने बुधवार को नई पदस्थापना का आदेश जारी किया। आदेश के मुताबिक 2009 बैच के अफसर प्रखर पांडे को मुख्यमंत्री सुरक्षा के पुलिस अधीक्षक पद से एसीबी का डीआईजी बनाकर भेजा गया है। वहीं राजेश कुकरेजा को सारंगढ-बिलाईगढ़ के पुलिस अधीक्षक पद से हटाकर आशुतोष सिंह को नया एसपी बनाया गया है। 2012 बैच के कुकरेजा अब भिलाई में तैनात छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की पहली बटालियन के सेनानी होंगे।

निरंजन दास को फिर आबकारी में ले आई सरकार
उधर, छत्तीसगढ़ सरकार रिटायर्ड आईएएस अधिकारी निरंजन दास को फिर से आबकारी विभाग में ले आई है। उनको आबकारी आयुक्त बनाया गया है। श्री दास 31 जनवरी को इसी पद से रिटायर हुए थे। उसके तुरंत बाद एक फरवरी को उन्हें संविदा नियुक्ति देकर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग का सचिव बनाया था।
सामान्य प्रशासन विभाग ने नई नियुक्ति का आदेश जारी किया है। इसके मुताबिक निरंजन दास को आबकारी आयुक्त, नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक, स्टेट बेवरेज कॉर्पोरेशन के एमडी और वाणिज्यिक कर विभाग के सचिव की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। एक फरवरी को उनको संविदा नियुक्ति देते समय केवल इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग का सचिव बनाया गया था। 31 जनवरी को सेवानिवृत्त होते समय दास के पास छत्तीसगढ़ नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक, वाणिज्यिक कर विभाग के सचिव, आबकारी आयुक्त और बेवरेज कॉर्पोरेशन के एमडी की जिम्मेदारी थी। यह सभी विभाग अब फिर से दास के पास होंगे।

चार साल से आबकारी संभाल रहे हैं
राज्य प्रशासनिक सेवा संवर्ग से प्रमोट होकर आईएएस बने निरंजन दास को 2003 बैच मिला था। उन्होंने गरियाबंद सहित कई जिलों में कलेक्टर की भी जिम्मेदारी निभाई है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मई 2019 में पहली बार निरंजन दास को आबकारी विभाग का आयुक्त बनाया गया। तबसे वे रिटायरमेंट तक उसी पद पर बने रहे। रिटायरमेंट के एक सप्ताह बाद संविदा अफसर के रूप में फिर से उसी पद की जिम्मेदारी पर लौट आए हैं। उनके रिटायरमेंट के बाद सरकार ने उस पद के लिए किसी नए अफसर को भेजा भी नहीं था।

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