रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सोमवार को अपने कार्यकाल का अंतिम बजट पेश करने के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि राज्य की वित्तीय स्थिति काफी मजबूत है। हमारे वित्तीय प्रबंधन का नतीजा है कि इस साल पहला वर्ष है जब सरकार ने बाजार से कोई कर्ज नहीं लिया है। उनका यह बजट सभी वर्गों, ग्रामीण व शहरी इलाके के लोगों के लिए है। सीएम बघेल ने कहा कि हमने बहुत से वादे पूरे किए हैं, कुछ बचे हैं उन वादों को पूरा करने के लिए हमारे पास अभी समय है। उसे भी पूरा कर देंगे।
पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्यम्ंत्री श्री बघेल ने कहा कि इस बार भरोसे के बजट का मतलब है कोरोना से लेकर अब तक विभिन्न वर्गों की जो मांगें थी, उसे बजट में पूरा करने का काम किया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व अन्य कर्मचारियों ने उनके पास आकर अपनी मांगें रखी, जिसे पूरा कर दिया गया है। पिछले चार सालों में हमारी सरकार ने हर क्षेत्र में विकास का काम किया है। भाजपा शासन में सिर्फ चार मेडिकल कालेज थे। अब हमने उसे बढ़ाकर 8 मेडिकल कालेज कर दिया है। स्कूल शिक्षा में भी बेहतर कर रहे हैं। अतिरिक्त शाला भवन निर्माण के लिए बजट में 3 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
कर्मचारियों के नियमितीकरण की घोषणा नहीं करने और कर्मचारियों द्वारा आंदोलन जारी रखने के सवाल पर श्री बघेल ने कहा कि ठीक है, लोकतंत्र में आंदोलन करने के लिए सब स्वतंत्र है।
श्री बघेल ने कहा कि इस बजट में भेंट मुलाकात के दौरान जो पब्लिक डिमांग थी, उसे बजट में शामिल किया गया है। क्या बजट में चुनावी घोषणाएं हैं पूछे जाने पर श्री बघेल ने कहा कि 1 अप्रैल से विनियोग का अधिकार मिलते ही योजनाएं शुरू की जाती है, और आगे बढ़ती रहती है। घोषणाएं चुनावी नहीं है। हमने अबतक ऐसी बातें नहीं की, जो हम कर नहीं पाएंगे। उन्होंने बजट में नरवा, घुरुवा, बाड़ी का जिक्र नहीं किए जाने पर कहा कि इसका प्रावधान किया गया है।
सीएम ने कहा कि हमने हमारे अन्नदाता किसानों के भरोसे को कायम िकया है। हमने धान की कीमत 2500 रुपए देने का वादा किया था और इस साल उसमें 300 रुपए और जुड़ जाएगा। विपक्ष द्वारा बजट की घोषणाओं को रेवड़ी व बनारसी मिठाई कहे जाने के सवाल पर कहा कि पेंशन वृद्धि, बेरोजगारी भत्ता रेवड़ी है या नहीं ये जनता को तय करना है। तो हम जनता को ये बताएंगे कि ये लोग (भाजपा) धोखे से सरकार में आ गए तो रेवड़ी बंद कर देंगे।