शराब-घोटाला केसः अब सीबीआई का शिकंजा, त्रिपाठी की मुश्किलें बढ़ीं

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0 इस केस में त्रिपाठी की भागीदारी की जांच करेगी सीबीआई
0 सरकार ने दी जांच की मंजूरी, अभी जगदलपुर जेल में बंद है त्रिपाठी
रायपुर। छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में अब सीबीआई की भी एंट्री हो गई है। हालांकि सीबीआई सिर्फ इस केस में आबकारी विभाग के एमडी रहे एपी त्रिपाठी अरुणपति त्रिपाठी की भागीदारी की जांच करेगी। राज्य सरकार ने पूछताछ के लिए मंजूरी भी दे दी है। त्रिपाठी फिलहाल जगदलपुर जेल में बंद हैं।

अरुणपति के खिलाफ झारखंड में भी शराब घोटाले का आरोप है। त्रिपाठी के खिलाफ ईडी और ईओडब्ल्यू भी जांच कर रही है। अरुणपति त्रिपाठी भारतीय दूरसंचार सेवा के अधिकारी रहे हैं। उनके आबकारी विभाग में विशेष सचिव रहने के दौरान बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होने का दावा किया गया है। सीबीआई की टीम सीजी पीएससी भर्ती घोटाले में भी जांच कर रही है।

क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ईडी जांच कर रही है। ईडी ने एसीबी में एफआईआर दर्ज कराई है। दर्ज एफआईआर में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ईडी ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में आईएएस अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।

डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेची गई शराब
ईडी की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर की जांच एसीबी कर रही है। एसीबी से मिली जानकारी के अनुसार साल 2019 से 2022 तक सरकारी शराब दुकानों से अवैध शराब डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेची गई। इससे शासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है।

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