शनि शिंगणापुर मंदिर में शनिदेव की स्वयंभू मूर्ति,जानें शनिदेव की महिमा

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नव आभा टाइम्स: कहते है कि जिस के ऊपर शनिदेव की कृपा हो उस व्यक्ति के लिए सफलता के सारे रास्ते खुल जाते हैं। शनिदेव लोगों को उनके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। आज शनिवार है और आज का दिन शनिदेव का बिसिष्ट पूजा होता है। ऐसे में आज हम आपको शनिदेव के भारत के एक प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर शनि शिंगणापुर के बारे में बता रहे हैं। यह भारत के महाराष्ट्र राज्य के अहमदनगर जिले में एक गांव शिंगणापुर में स्थित है। इस मंदिर में खुले आसमान में काले रंग की मूर्ति है जो स्वयंभू है। यह मूर्ति का साइज 5 फुट 9 इंच ऊंची है। साथ ही यह 1 फुट 6 इंच चौड़ी है। यह एक संगमरमर के एक चबूतरे पर स्थित है। यहाँ के शनिदेव मूर्ति हर मौसम में बिना छत्र धारण किए खड़ी रहती है। इस मूर्ति के दर्शन करने के लिए देश विदेश से हजारों-लाखों भक्त हर दिन यहां आते हैं।

शनिदेव की महिमा

कहते है की हिन्दू धर्म में मान्यता है कि कोबरा का काटा और शनि का मारा पानी नहीं मांगता। मान्यता है की जिसपर शनिदेव की सुबह दृष्टि होता है वह व्यक्ति रंक को राजा बनते देर नहीं लगती। वहीं, जब शनिदेव की दृष्टि अशुभ होती है तो व्यक्ति राजा से रंक बन जाता है। शनिदेव को नवग्रहों में सर्वश्रेष्ठ ग्रह कहा जाता है।शनि देवता अत्यंत जाज्वल्यमान और जागृत देवता माने जाते हैं। जिस शनिवार के दिन जो भी अमावस आती है उस शनिदेव का विशेष पूजा होता है वैसे हर शनिवार को दूर-दराज से भक्त शनि शिंगणापुर के दर्शन करने आते हैं। यहां हर दिन शनिदेव की पूजा और अभिषेक किया जाता है। शनि शिंगणापुर में हर दिन सुबह 4 बजे एवं शाम 5 बजे इस मंदिर में आरती होती है। शनिदेव की जयंती के अबसर पर दिन जगह-जगह से प्रसिद्ध ब्राह्मणों को बुलाकर ‘लघुरुद्राभिषेक’ कराया जाता है।शनि शिंगणापुर एक छोटा सा गांव है जिसकी जनसंख्या करीब तीन हजार है, और यहां पर किसी के भी घर के दरवाजा में ताला नहीं लगा होता है। जानकारी के अनुसार यहाँ लोगों के घरों में अलमारी और सूटकेस जैसी चीजें भी नहीं हैं। लोगों का कहना है कि ऐसा शनि भगवान की आज्ञा से किया जाता है। शनि शिंगणापुर लोग अपने घरों में किसी भी तरह की महंगी वस्तु, गहने, कपड़े, रुपये आदि के लिए डिब्बे या थैली का इस्तेमाल करते हैं।

शनि शिंगणापुर कैसे पहुंचे?

भारत के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक शनि शिंगनापुर महाराष्ट्र के तीर्थ स्थल शिरडी से करीब 70 किमी दूरी पर स्थित है। जो शिरडी में साईबाबा के दर्शन के लिए जाते है ,वे सभी लोग शनि शिंगनापुर जाते ही है, शनि शिंगनापुर जाना बहुत आसान हैं। शिरडी के साईं आश्रम के सामने शनि शिंगणापुर जाने के लिए सुबह 4 बजे से ट्रेवल और टैक्सी मिलने लग जाती है। आहार आप शेयर गाड़ी में जाना चाहते है तो 120 रूपये प्रति सवारी, ऑटो में 250 रूपये प्रति सवारी, टेम्पो ट्रेवलर 100 रूपये प्रति व्यक्ति और पर्सनल गाड़ी नॉन एसी 1200 और एसी 1500 रूपये में मिलती है।

वायु मार्ग से भी शनि शिंगनापुर जा सकते है

शिर्डी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से शनि शिंगनापुर दूरी 82 किमी है। भारत के सभी प्रमुख शहरों से शिर्डी जाने के लिए फ्लाइट की सुभिधा उपलब्ध है, आपको बतादें की यदि आपके शहर से शिर्डी के लिए डायरेक्ट फ्लाइट नहीं है तो आप शनि शिंगनापुर से 90 किलोमीटर दूर औरंगाबाद एयरपोर्ट, 144 किलोमीटर दूर नासिक एयरपोर्ट या 161 किलोमीटर दूर पुणे एयरपोर्ट आ सकते है। यहाँ से आप बस या टैक्सी के जरिये शनि शिंगनापुर पहुँच सकते है।

ट्रेन से शनि शिंगनापुर कैसे पहुचे?

अगर आप ट्रेन से यात्रा करना चाहते है तो शनि शिंगनापुर से राहुरी 32 किमी, अहमदनगर 35 किमी दूर, श्रीरामपुर 54 किमी दूर और शिरडी रेलवे स्टेशन 85 किमी की दूरी पर हैं। इन स्टेशनो पर देश के कई शहरों से ट्रेन उपलब्ध हैं। आप यहाँ से बस, टैक्सी या ऑटो से शनि शिंगनापुर पहुँचा जा सकता है।

सड़क मार्ग से शनि शिंगणापुर कैसे पहुंचे?

शनि शिंगणापुर जाने के लिए देश के सभी शहरों से सड़क मार्ग के द्वारा जा सकते है। शिर्डी और शनि शिंगणापुर के दर्शन के लिए महाराष्ट्र और आस पास के अन्य राज्यों से एसी और नॉन एसी बसें चलती है। आप इन बसों से शनि शिंगणापुर पहुचकर सुबह शनि शिंगणापुर और शाम तक साईं बाबा के दर्शन करके रात को अपने शहर के लिए वापस बस पकड़ सकते है। शनि शिंगनापुर पहुचने से पहले मार्ग में कई गन्ने के रस वाले मिलते है, उनका बैल जोतकर निकला गन्ने का रस जरुर पीजियेगा।

शनि शिंगणापुर कब जाना चाहिए?

शनि शिंगनापुर में शनि भगवान के दर्शन के लिए आप पूरे वर्ष में कभी जा सकते हैं। मौसम के हिसाब से शनि शिंगनापुर जाने के लिए सबसे अच्छा समय से सितम्बर से मार्च के मध्य होता है। गर्मी में यहाँ का तापमान 40 से 44 डिग्री में मध्य होता है। बरसात के समय सड़कों पर नदी-नाले उफान पर रहने के कारण समस्या हो सकती है। छुट्टी के दिन और शनिवार को अन्य दिनों की अपेक्षा यहाँ भीड़ होती है।

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