रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को सुकमा एवं दंतेवाड़ा के सरहदी गांवों में पुलिया निर्माण के मुद्दे पर सदन गरमाया। पुलिया निर्माण के मुद्दे पर कांग्रेस विधायक कवासी लखमा ने सरकार को घेरा। बिना स्वीकृति के पुलिया निर्माण के लिए दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट किया।
प्रश्नकाल के दौरान विधायक कवासी लखमा ने सुकमा एवं दंतेवाड़ा के सरहदी गांवों में पुलिया निर्माण का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इसमें कितनी निर्माणाधीन है और कितने निर्मित हो चुके हैं? इसमें प्रशासकीय स्वीकृति कब प्रदान की गई? कार्य की निर्माण एजेंसी किसने बनाई? क्या दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की गई थी? हमारा नक्सल पीड़ित क्षेत्र है। हम भी चाहते हैं की विकास हो, लेकिन यह कौन सा नियम है कि पहले पुल बनेगा, फिर टेंडर होगा? ये रोड पीडब्ल्यूडी बना रहा या प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बन रही है।
इस पर जवाब में उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि दो स्थान हैं। एक सुकमा और एक दंतेवाड़ा जिले में-परिया और मुलेर आते हैं। आचार संहिता प्रभावशील थी। शिकायत के बाद काम रोक दिया गया। इस कारण इसमें आगे कोई निर्माण नहीं हुई है। निविदा जब खुलेगी, तब आगे का निर्माण होगा। यह निर्माण भारत सरकार ने स्वीकृत की है। पीडब्ल्यूडी बना रहा है। दोनों जगहों के कलेक्टर से कार्य स्वीकृत है।
इस पर कवासी लखमा ने कहा कि बिना स्वीकृति, बिना ऑर्डर के रोड बनाया गया है। ये पुल ज्यादा रेट से बन रहे हैं, और एक नाले में तीन पुल क्यों बनाया जा रहा है। आचार संहिता के समय जल्दी-जल्दी जिस ठेकेदार से काम कराया, जिसका विरोध गांववालों ने किया तो कार्य रुका, फिर से टेंडर उसी ठेकेदार को दिया गया है। क्या उस पर कार्रवाई करेंगे? लखमा ने पूछा कि क्या केवल कमीशन के लिए पुलिया बनाया जा रहा है? जनता का पैसा बर्बाद किया जा रहा है। सब इंजीनियर क्या सरकार से बड़ा है? क्या दोनों अधिकारियों पर कार्यवाही करेंगे?
इस पर मंत्री अरुण साव ने पूछा कि क्या सवाल दो पुल के निर्माण से संबंधित है? इस पर लखमा ने कहा कि नाले में तीन तीन पुल कैसे बन रहा हैं।
इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मंत्री ने स्वीकार किया कि पुल बन गया और टेंडर बाद में हुआ। यह काफी गंभीर बात है। सीधा सवाल है कि इसमें गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करेंगे क्या? आपने दो लोगों को कार्य दिया है, तीसरे को कोई कार्य नहीं दिया गया है। सारी अनियमितताएं दिखाई दे रहे है। कार्रवाई क्या करेंगे। इसमें बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है?
इस मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी नोक-झोक के बीच गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई करने विपक्ष सदन के भीतर नारेबाजी करने लगा। इसके साथ ही विपक्ष ने सदन के भीतर नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट किया।