0 मंत्री ने कहा-समिति की अनुशंसा पर कठोर कार्रवाई करेंगे
रायपुर। विधानसभा के शीत सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को जल जीवन मिशन के टेंडर में गड़बड़ी को लेकर डिप्टी सीएम व मंत्री अरुण साव घिर गए। पीएचई विभाग में जल जीवन मिशन के कार्यों में गड़बड़ी कर करोड़ों रूपए के घोटाले का मामला छाया रहा। भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने मंत्री साव पर सवालों की बौछार कर दी। इस पर डिप्टी सीएम ने स्वीकार किया कि कुछ लोगों फर्जी दस्तावेज के आधार पर टेंडर हासिल किया था ऐसे लोगों को ब्लैक लिस्ट किया गया है। इस पर श्री कौशिक ने सरकार की इस कार्रवाई पर असंतोष जाहिर करते हुए कहा कि जब फर्जीवाड़ा हुआ है तो एफआईआर क्यों नहीं कराई। उन्होंने इस मामले को ईडी को सौंपने की मांग भी की।
धरमलाल कौशिक ने बीते दो वर्ष के दौरान जल जीवन मिशन में की गई गड़बड़ी पर प्रश्न उठाया। श्री कौशिक ने कहा कि पीएम मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना को लेकर गंभीर अनियमितता बरती गई है। काम अधूरा छोड़ अनियमितता बरतने वाले ठेकेदारों को भुगतान कर दिया गया। उन्होंने मंत्री श्री साव से प्राप्त शिकायतों और उन पर कार्रवाई का ब्योरा मांगा।
इस पर डिप्टी सीएम अरूण साव ने बताया ठेकेदारों को 13 अलग-अलग कारणों से नोटिस दी गई। इनमें अनियमितता, धीमी गति, अपूर्ण, अप्रारंभ, कूटरचित अनुबंध, अमानत वस्तुओं का उपयोग जैसे कारण हैं। साव ने बताया कि 72 ठेकेदारों की शिकायत पर जांच कर अनुबंध रद्द कर ब्लैक लिस्ट, डिबार तक किया गया। 26 फर्मों ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगाए थे।
इस पर श्री कौशिक ने कहा कि केवल अनुबंध रद्द करना क्या यह पर्याप्त कार्रवाई है। इसके बाद भी ठेकेदारों को भुगतान कर दिया गया। जो 420 का अपराध बनता है। एफआईआर कराएंगे? इनमें से कई शिकायतें विधायकों ने की थी जो जांच में सही पाई गई। इसमें 100-100 करोड़ की गड़बड़ी साबित हुई है। इसे ईडी को सौंपकर जांच कराई जाए।
इस पर मंत्री श्री साव ने कहा कि सभी टेंडर समूह जल प्रदाय योजना से संबंधित हैं। राज्य स्तरीय हाई पॉवर कमेटी जांच कर रही है। उसकी अनुशंसा पर एफआईआर भी करेंगे। श्री कौशिक ने इसका समय पूछा तो मंत्री श्री साव ने कहा कि अनुशंसा मिलते ही कठोर कार्रवाई करेंगे।
स्पीकर ने लीचुटकी
मंत्री साव के इस जवाब पर स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने कहा कि मंत्री जी कितना कठोर बोले हैं, आप समझ नहीं पा रहे हैं।