राहुल गांधी का प्लेन नौसेना एयरपोर्ट पर नहीं उतरा

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0 एर्नाकुलम कांग्रेस का आरोप- रक्षा मंत्रालय ने पहले लैंडिंग परमिशन दी, बाद में इनकार किया
कोच्चि। एर्नाकुलम कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि रक्षा मंत्रालय ने एर्नाकुलम में नौसेना एयरपोर्ट पर राहुल गांधी के प्लेन को लैंड करने की परमिशन नहीं दी। कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मोहम्मद शियास ने कहा मंत्रालय ने पहले लैंडिंग की अनुमति दी थी, लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया। परमिशन नहीं मिलने के बाद कन्नूर से राहुल को ले जा रहे विमान को पास के नेदुंबसेरी में कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड किया गया।

राहुल गांधी शुक्रवार (1 दिसंबर) को एर्नाकुलम के मरीन ड्राइव में महिला कांग्रेस सम्मेलन उत्साह का उद्घाटन करने पहुंचे थे। राहुल ने एर्नाकुलम में ‘उत्साह’ महिला कांग्रेस स्टेट कन्वेंशन का उद्घाटन किया। राहुल ने एर्नाकुलम में ‘उत्साह’ महिला कांग्रेस स्टेट कन्वेंशन का उद्घाटन किया।

लक्ष्य बनाएं कि 10 साल में 50% महिला मुख्यमंत्री हों
उद्घाटन के दौरान राहुल ने कहा कि महिलाएं कई मायनों में पुरुषों से बेहतर हैं। उनमें पुरुषों की तुलना में अधिक धैर्य, दीर्घकालिक दृष्टि, संवेदनशीलता है। वे ज्यादा दयालु हैं। इसलिए महिलाओं को शक्ति संरचना का हिस्सा होना चाहिए।राहुल ने कहा कि आज, हमारे पास एक भी महिला मुख्यमंत्री नहीं है, लेकिन कांग्रेस में कई महिलाएं हैं जिनमें बहुत अच्छे मुख्यमंत्री बनने के गुण हैं। कांग्रेस पार्टी के लिए एक अच्छा लक्ष्य यह होगा कि आज से 10 साल में हमारी 50% मुख्यमंत्री महिलाएं होंगी।

आरएसएस और कांग्रेस में लड़ाई महिलाओं की भूमिका को लेकर
राहुल बोले-गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा कि महिलाओं को शामिल करना आरएसएस की विचारधारा का हिस्सा नहीं है। भगवा पार्टी विशुद्ध रूप से एक पुरुष संगठन है। आरएसएस के पूरे इतिहास में उसने महिलाओं को अपने खेमे में आने की इजाजत नहीं दी है। आरएसएस और कांग्रेस के बीच मूल लड़ाई भारतीय राजनीति में महिलाओं की भूमिका को लेकर है।

भाजपा महिलाओं के लिए पहली बार एक ही बिल लागू कर सकी
राहुल ने संसद से मंजूरी मिलने के बावजूद महिला रिजर्वेशन को लागू करने से रोकने के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने के उद्देश्य से लाए गए इस विधेयक को सितंबर में संसदीय मंजूरी मिल गई थी। गांधी ने कहा कि मैंने कभी संसद में कोई बिल पास होते नहीं देखा, जहां उसे एक दशक बाद लागू किया जाएगा। भाजपा 10 साल बाद इकलौता बिल लागू कर रही है, जो महिला शक्ति से जुड़ा है।

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