नवआभा टाइम्स| रानीखेत हिल स्टेशन भारत बहुत ही अच्छा और मनोरम स्थान है | रानीखेत समुद्र तल से 1824 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, इसे अंग्रेजो के द्वारा विकसित एक बेहद ही खूबसूरत हिल स्टेशन है। उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा जिले में स्थित देवदार और बलूत के वृक्षों से घिरा रानीखेत प्रकृति प्रेमियों का स्वर्ग है। यहाँ की शांत जलवायु और कण−कण में बिखरा प्रकृति का अनुपम सौंदर्य देखकर पर्यटक स्वयं को प्रकृति के निकट पाता है। यहां पर बर्फीले गगनचुंबी पर्वत, दूर−दूर तक फैली घाटियां, चीड़ और देवदार के ऊंचे-ऊंचे पेड़ के घने जंगल, फूलों से ढंके टेड़े मेढ़े रास्ते, सुंदर वास्तु कला वाले प्राचीन मंदिर व ठंडी मस्त पवन पर्यटकों का मन मोह लेती है। शहर के शोर शराबे से दूर, प्रदूषण मुक्त ग्रामीण परिवेश का अद्भुत सौंदर्य हमारे मन में बस जाता है
रानीखेत जाने का सही समय
रानीखेत का मौसम साल भर घूमने के लिए अनुकूल रहता है। गर्मी में यहां का मौसम खुशनुमा और ठंडा रहता है जो घूमने के लिए आदर्श माना गया है। इस समय न्यूनतम तापमान 12°C और अधिकतम लगभग 27°C होता है। बर्फ़बारी का आनंद लेने के लिए सर्दियों का मौसम उपयुक्त है, इस समय रानीखेत का तापमान लगभग 0°C से -14°C के आस पास रहता है।
फ्लाइट से भी रानीखेत जा सकते है
पहाड़ क्षेत्र होने के कारण रानीखेत में कोई एयरपोर्ट नही है। रानीखेत से निकटतम एयरपोर्ट पंतनगर में है, जो लगभग 115 किमी दूर है। पंतनगर एयरपोर्ट से कैब या टैक्सी करके सड़क के रास्ते रानीखेत आ सकते हैं, जिसमें करीब 3-4 घंटे लगते हैं।
ट्रेन से रानीखेत जा सकते है
रानीखेत से 88 किमी की दूरी पर काठगोदाम रेलवे स्टेशन है। दिल्ली, देहरादून और अन्य शहरों से काठगोदाम के लिए डायरेक्ट ट्रेन उपलब्ध है। रानीखेत एक्सप्रेस दिल्ली से रात दस बजे चलती है और सुबह 5 बजे तक काठगोदाम रेलवे स्टेशन पहुँच जाती है। आप काठगोदाम से टैक्सी, कैब या बस से रानीखेत पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग से रानीखेत जा सकते है
सड़क मार्ग सीधे रानीखेत पहुँचने का एक मात्र रास्ता है। यह नैशनल हाइवे 87 के जरिए देश के हर राज्य से जुड़ा है। आप कार या टैक्सी से सड़क के रास्ते पहाड़ों की खूबसूरती और कुदरत के नैसर्गिक द्रश्यों का आनंद लेते हुए रानीखेत पहुँच सकते हैं।
रानीखेत के आस पास घूमने का स्थान
झूला देवी मंदिर
झूला देवी मंदिर रानीखेत से 7 किमी दूर 8वीं शताब्दी में निर्मित काफी प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर में प्रवेश करने पर कई प्रकार घंटियों के समूह दिखाई देते है। जब भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है तो भक्त यहाँ तांबे की घंटी भेटस्वरुप चढाने आते हैं। इन घंटियों की मधुर ध्वनि सुनकर सभी का मन आनंदित हो उठता है। इस मंदिर में देवी माता झूले पर विराजमान है। रानीखेत के मुख्य पर्यटन स्थल झूला देवी मंदिर के पास राम मंदिर भी स्थित है।
दूनागिरी (द्रोणागिरी)
पौराणिक महत्त्व रखने वाला दूनागिरी रानीखेत का प्रमुख दर्शनीय स्थल है। यहाँ 8000 फुट की ऊँचाई पर स्थित वैष्णो देवी मंदिर, वैष्णोदेवी के बाद माता का दूसरा वैष्णो शक्तिपीठ है। जनश्रुति के अनुसार जब लंका में श्री लक्ष्मण जी को शक्ति थी, तब सुषेण बैद्य के कहने पर हनुमान जी इसी पहाड़ (द्रोणगिरि) पर से संजीवनी बूटी के लिए आये थे। इस पर्वत पर गणेशाधार नाम की पहाड़ी चोटी है, जहाँ राक्षस कालनेमी राक्षस और हनुमानजी का युद्ध हुआ था। इस पौराणिक स्थान से हिमालय के विशाल पहाड़ों की ऊँची ऊँची चोटियों के मंत्रमुग्ध कर देने वाले दृश्य दिखाई देते है।
चौबटिया बाग
चौबटिया बाग रानीखेत का लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जो रानीखेत से लगभग 10 किमी दूर स्थित है। इस चौबटिया बाग में फलों और फूलों की 200 विभिन्न प्रजातियों के हरे-भरे पेड़ हैं। यहाँ आपको स्वादिष्ट सेब, आड़ू, प्लम, खुमानी, आडू, शाहबलूत, बादाम के कई उद्यान देखने को मिलेंगे। चौबटिया बाग के समीप फ्रूट रिसर्च सेंटर भी देखने योग्य है। इसके अलावा बाग के निकट एक जल प्रपात मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है।
कालिका मंदिर
रानीखेत का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल माँ कालीका मंदिर 6 किमी दूर स्थित हैं। हरे- भरे वृक्षों के बीच, छोटी सी पहाड़ी की चोटी पर स्थित माँ काली का मंदिर भक्तों के मन को शांति प्रदान करता हैं। सीढियों से चढ़कर मंदिर तक पहुचने के पश्चात् आपको माँ काली के दर्शन होते है। इस मंदिर से आपको हिमालय के हरे-भरे जंगलों और बर्फ से ढके पहाड़ों का आकर्षक नजारा दिखाई देता है।
कुमाऊं रेजीमेंट गोल्फ कोर्स
रानीखेत गोल्फ कोर्स रानीखेत के खूबसूरत पर्यटक स्थलों में से एक है। यह मुख्य नगर से 5 किमी की दूरी पर है। 9 गड्ढों की विशेषता वाला रानीखेत गोल्फ कोर्स, एशिया के बेस्ट गोल्फ कोर्सों में से एक है। इस देखने के लिए भारत से ही नहीं अपितु दुनियाभर से पर्यटक रानीखेत आते हैं। यहां पर खिलाडि़यों के लिए ठहरने की भी उत्तम व्यव्स्था है।
चौखुटिया
रानीखेत की घूमने लायक जगह चौखुटिया रानीखेत से 54 किमी की दूरी पर स्थित है। यह पवित्र रामगंगा नदी (गंगा नदी की एक सहायक नदी) के तट पर स्थित है। इस जगह का नाम ‘चौ-खुट’ मतलब चार फुट होता है। यहाँ से चार रास्ते अलग-अलग दिशाओं में जाते है। चौखुटिया में 9वी शताब्दी में बने कई छोटे मंदिरों स्थित है इस मंदिरों की अद्भुद वास्तुकला दर्शनीय है। महाभारत में अर्जुन पुत्र अभिमन्यु का विवाह यहाँ के राजा विरता की पुत्री उत्तरा से हुआ था।
द्वाराहाट
लुभावनी वादियों और खूबसूरत मंदिरों से भरा प्राचीन शहर द्वाराहाट रानीखेत का प्रमुख धार्मिक स्थल है है। द्वाराहाट रानीखेत से लगभग 35 किमी की दूरी पर स्थित है। इस जगह पर 55 ऐतिहासिक और पुरातात्विक मंदिर है जो मध्यकाल में कत्यूरी राजाओं द्वारा बनवाए गए थे। इन मंदिरों में शक्ति मंदिर, बद्रीनाथ मंदिर, मृत्युंजय मंदिर, नैथना देवी मंदिर, मणियन मंदिर और ध्वज मंदिर की सुन्दरता देखते ही बनती हैं। आप द्वारहाट में आकर रामगंगा नदी और हिमालय सुरम्य घाटियों के नयनाभिराम द्रश्यों का आनंद ले सकते हैं।
रानीखेत में पैराग्लाइडिंग
रानीखेत से 12 दूर बना पैराग्लाइडिंग ट्रेक, साहसिक गतिविधियों में लिए बहुत लोकप्रिय स्थान है। हिमालय की घाटियों में पैराग्लाइडिंग करना एक यादगार अनुभव होता है। यहां पहली बार पैराग्लाइडिंग करने वाले लोगों के लिए पैराग्लाइडिंग का टेक-ऑफ पॉइंट बहुत अच्छा और सुविधाजनक है। पैराग्लाइडिंग करने के लिए टैंडेम उड़ान और अकेले उड़ान करने के दोनों विकल्प उपलब्ध हैं।भालू डेम, हैड़ाखान बाबाजी मंदिर, शीतलाखेत, मनिला मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर, चितई गोलू देवता मंदिर, ताड़ीखेत, छावनी आशियाना पार्क, सनसेट प्वाइंट, खूंट जौरासी और खैराना भी रानीखेत के आकर्षक पर्यटन स्थल है।