मुकेश अंबानी बने दुनिया के दूसरे सबसे ताकतवर सीईओ

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0 एलोन मस्क और सुंदर पिचाई को भी छोड़ा पीछे
मुंबई। मुकेश अंबानी अब ‘डायवर्सिफाइड’ ग्रुप की कैटेगिरी में टॉप रैंक वाले सीईओ हैं। यह रैंक देने में कंपनी के सीईओ की क्षमता और उसकी आगे की प्लानिंग को भी देखा जाता है।
भारत के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी ब्रांड गार्जियनशिप इंडेक्स में देश में पहले नंबर पर हैं। वहीं इस मामले में वे दुनिया में दूसरे स्थान पर हैं। इस मामले में चीन स्थित टेनसेंट के हुआतेंग मा पहले स्थान पर रहे। अंबानी को यह रैंक ब्रांड फाइनेंस द्वारा संकलित ब्रांड गार्जियनशिप इंडेक्स 2024 में मिली है। 2023 की रैंकिंग में वे भी वे दुनिया में दूसरे नंबर पर थे। अंबानी के बाद माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला, गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, एप्पल के सीईओ टिम कुक और टेस्ला के सीईओ एलोन मस्क से भी आगे हैं।

वहीं वे टाटा समूह के एन. चंद्रशेखरन, महिंद्रा समूह के अनीश शाह जैसे कई अन्य भारतीयों से भी आगे रहे। इस इंडेक्स को ब्रांड फाइनेंस ने बनाया है। इसमें अच्चे और टिकाऊ तरीके से बिजनेस के लिए काम करने वालों को ग्लोबल स्तर पर मान्यता दी जाती है। यह भी ध्यान रखा जाता है कि कौन सीईओ सबको साथ लेकर चल रहे हैं। मुकेश अंबानी अब ‘डायवर्सिफाइड’ ग्रुप की कैटेगिरी में टॉप रैंक वाले सीईओ हैं।

कितना स्कोर मिला अंबानी को
समाचार एजेंसी आईएएनएस की एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रांड फाइनेंस के सर्वेक्षण में मुकेश अंबानी को 80.3 का बीजीआई स्कोर दिया गया, जो चीन स्थित टेनसेंट के हुआतेंग मा के 81.6 से थोड़ा कम है। ब्रांड गार्जियनशिप इंडेक्स सभी हितधारकों-कर्मचारियों, निवेशकों और व्यापक समाज की जरूरतों को संतुलित करके स्थायी तरीके से व्यावसायिक मूल्य का निर्माण करने के आधार पर दुनिया के सीईओ का आकलन करता है।

ब्रांड फाइनेंस के मुताबिक ब्रांड गार्जियन की भूमिका ब्रांड और व्यावसायिक मूल्य का निर्माण करना है। यह सीईओ की वैश्विक मान्यता है, जो एक स्थायी भविष्य के निर्माण के लिए साझेदारी बनाते हैं। ब्रांड फाइनेंस उपायों के एक संतुलित स्कोरकार्ड का पालन करता है। हाल ही में ब्रांड फाइनेंस द्वारा प्रकाशित नवीनतम रिपोर्ट ‘ग्लोबल 500 – 2024′ में, जीओ’ एक अपेक्षाकृत नया ब्रांड – को एलआईसी और एसबीआई जैसे कई दशक पुराने भारतीय ब्रांडों से आगे और भारत के सबसे मजबूत ब्रांड के रूप में मान्यता दी गई थी। ब्रांड फाइनेंस की 2023 रैंकिंग में भी जियो ने भारत के मजबूत ब्रांडों में शीर्ष स्थान हासिल किया था।

क्या पेटीएम को संकट से निकालेंगे अंबानी
बता दें कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अंबानी पेटीएम का अधिग्रहण करने वाले हैं। ऐसी रिपोर्ट्स आने के बाद जियो फाइनेंशियल के शेयरों में बंपर उछाल आया है। जियो का बाजार पूंजीकरण 1.87 करोड़ रुपये पहुंच गया है। हालांकि अभी तक जियो ने इसे लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। आरबीआई की कार्रवाई के बाद पेटीएम के भविष्य को लेकर सवाल उठ रहे हैं। खबर यह भी है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक का लाइसेंस भी रद्द हो सकता है। पेटीएम में गड़बड़ियां पाए जाने के बाद आरबीआई ने उसपर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था।

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