भारत को जड़ से उखाड़ने के कई प्रयास हुए:पीएम मोदी

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0 चित्रकूट में कहा- जिनकी मानसिकता गुलामी की, वे संस्कृत से बैर रखते हैं
सतना। चित्रकूट के तुलसी पीठ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभा में कहा कि गुलामी के एक हजार साल के कालखंड में भारत को तरह-तरह से जड़ों से उखाड़ने के कई प्रयास हुए। हम आजाद हुए, लेकिन जिनके मन से गुलामी की मानसिकता नहीं गई, वे संस्कृत के प्रति बैर भाव पालते रहे।

शुक्रवार को उन्होंने कहा कि कोई दूसरे देश की मातृभाषा जाने तो ये लोग प्रशंसा करेंगे, लेकिन संस्कृत भाषा जानने को ये पिछड़ेपन की निशानी मानते हैं। इस मानसिकता के लोग पिछले एक हजार साल से हारते आ रहे हैं और आगे भी कामयाब नहीं होंगे। संस्कृत परंपरा नहीं, हमारी प्रगति और पहचान की भाषा है। संस्कृ​त समय के साथ परिष्कृत तो हुई लेकिन प्रदूषित नहीं हुई।

पीएम ने जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज से कहा कि अदालत के अंदर से लेकर बाहर तक जिस राम मंदिर के लिए आपने योगदान दिया, वो भी बनकर तैयार होने जा रहा है।’ जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज ने PM से रामचरित मानस को राष्ट्र ग्रंथ घोषित करने की मांग की। इससे पहले PM जगद्गुरु को हाथ पकड़कर मंच तक ले गए। रामभद्राचार्य ने PM को सीने से लगा लिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेरे मित्र हैंः रामभद्राचार्य
तुलसी पीठाधीश्वर रामभद्राचार्य ने कहा कि मेरे दो मित्र हैं। सांसारिक दृष्टि में लोक में मेरे मित्र हैं नरेंद्र भाई मोदी। ये कोई चाटुकारिता नहीं..और अलौकिक मित्र हैं श्री कृष्ण। मेरे अभिन्न मित्र..भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री, जिन्होंने 9 वर्षों में भारत की काया बदल डाली। कौन कल्पना कर सकता था कि हम चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर चले जाएंगे। कौन कल्पना कर सकता था कि 370 हट जाएगी। कौन कल्पना कर सकता था कि ट्रिपल तलाक समाप्त होगा। कौन कल्पना कर सकता था कि महिला आरक्षण विधेयक पास होगा।
ऐसे यशस्वी प्रधानमंत्री..भले ही वो मुझे गुरुजन कहें लेकिन वे मेरे मित्र हैं। मैं उन्हें मित्र ही मानता हूं और मित्र ही मानता रहूंगा।

स्व. मफतलाल के नाम डाक टिकट जारी किया
तुलसी पीठ में सभा से पहले प्रधानमंत्री स्व. अरविंद भाई मफतलाल के शताब्दी वर्ष समारोह में शामिल हुए। आयोजन श्री सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट की ओर से कराया गया। यहां उन्होंने चित्रकूट को अलौकिक बताते हुए कहा कि यहां प्रभु श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण नित्य निवास करते हैं।’ स्व. अरविंद भाई मफतलाल के नाम पर डाक टिकट जारी करते हुए बोले, ‘मुझे खुशी है कि अरविंद भाई का परिवार उनकी परमार्थिक पूंजी को लगातार समृद्ध कर रहा है। मैं इसके लिए उनके परिवार के सभी सदस्यों को बधाई देता हूं।’

जो देश के मन में, वही एमपी के मन मेंः शिवराज
प्रधानमंत्री ने श्री राम संस्कृत महाविद्यालय में कक्षाओं के निरीक्षण के दौरान विद्यार्थियों से चर्चा की। विद्यार्थियों से वेद पाठ भी सुना। सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय जानकीकुंड भी देखा। सद्गुरु संघ सेवा ट्रस्ट की प्रदर्शनी और सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का उद्घाटन किया। सीएम शिवराज सिंह चौहान और राज्यपाल मंगू भाई पटेल भी साथ रहे। सीएम ने स्व. मफतलाल के शताब्दी वर्ष समारोह में कहा कि जो देश के मन में है, वही मप्र के मन में भी है। प्रधानमंत्री के अंदर पीड़ित मानवता की सेवा की तड़प के दर्शन कोविड काल में हम सब ने किए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘जो देश के मन में है, वही मप्र के मन में भी है। प्रधानमंत्री के अंदर पीड़ित मानवता की सेवा की तड़प के दर्शन कोविड काल में हम सबने किए हैं।

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