बिहारः पप्पू यादव की पार्टी जाप का कांग्रेस में विलय

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0 पूर्णिया से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं
0 बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाराज
पटना। बिहार में जाप (जन अधिकार पार्टी) सुप्रीमो पप्पू यादव की पार्टी का कांग्रेस में विलय हो गया है। दिल्ली में बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका ऐलान किया गया। पप्पू यादव कांग्रेस के टिकट पर पूर्णिया से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। उनकी पत्नी रंजीत रंजन राज्यसभा सदस्य हैं। उन्हें कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ से राज्यसभा भेजा है।

उधर खबर है कि बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह इस विलय से नाराज हो गए हैं। वे दिल्ली में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी मौजूद नहीं थे। बिहार के कांग्रेस प्रभारी मोहन प्रकाश ने पप्पू यादव की पार्टी का कांग्रेस में विलय कराया। बिहार कांग्रेस विधायक दल के नेता डॉ. शकील अहमद खान मौजूद थे। पप्पू यादव के साथ उनके बेटे सार्थक यादव भी कांग्रेस में शामिल हो गए। मोहन प्रकाश ने कहा कि साझेदारी न्याय से प्रभावित होकर पप्पू यादव ने कांग्रेस में विलय करने का निर्णय लिया। पप्पू यादव के आने से बिहार में कांग्रेस के साथ घटक दल को भी मजबूती मिलेगी। पप्पू यादव ने कई ऐसे नेताओं का नाम लिया और आभार जताया जो प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपस्थित नहीं थे। लेकिन, पप्पू यादव ने बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह का नाम नहीं लिया। इसलिए माना जा रहा है कि अखिलेश नाराज हैं।

पप्पू मधेपुरा से हार गए थे चुनाव
2019 लोकसभा चुनाव में राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव जाप के टिकट पर मधेपुरा से चुनाव लड़े थे। इस चुनाव में उन्हें करीब एक लाख वोट मिले और तीसरे नंबर पर रहे थे। जदयू के दिनेश चंद्र यादव को करीब 6.24 लाख और राजद के शरद यादव को 3.22 लाख वोट मिले थे।

पूर्णिया से तीन बार जीत चुके हैं लोकसभा चुनाव
1991 लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पप्पू यादव पूर्णिया से चुनाव लड़े और जीत हासिल की। 1996 के चुनाव में बिहार से बाहर की पार्टी सपा ने उन्हें पूर्णिया सीट से अपना उम्मीदवार बनाया और पप्पू यादव चुनाव जीत गए। इसके बाद 1999 के चुनाव में पप्पू यादव फिर से निर्दलीय चुनाव लड़े और पूर्णिया सीट से तीसरी बार सांसद चुने गए। इसके बाद पप्पू यादव ने आरजेडी में शामिल हो गए और 2004 में मधेपुरा सीट पर हुए उपचुनाव में आरजेडी के टिकट पर जीत हासिल की। हालांकि, 2009 में पप्पू राजद से बाहर हो गए। लेकिन 2014 में लालू यादव ने अपनी पार्टी में बुलाया और मधेपुरा सीट से शरद यादव के खिलाफ खिलाफ उम्मीदवार बनाया। बीजेपी की लहर के बावजूद पप्पू यादव ने न सिर्फ बीजेपी बल्कि इस सीट से चार बार सांसद रहे शरद यादव को करीब 50 हजार वोटों से हराया था।

मेरी विचारधारा कांग्रेस के साथ रही है: पप्पू यादव
कांग्रेस में शामिल होने के बाद पप्पू यादव ने कहा- बिहार में क्षेत्रीय पार्टी सत्ता में रही और नहीं भी। एक संघर्ष की बड़ी लंबी फेहरिस्त है न्याय की और सेवा की। सेवा न्याय और संघर्ष के लिए हमारी पार्टी जानी जाती है। मेरी विचारधारा कांग्रेस की विचारधारा के साथ रही। यह मजबूत ऊर्जा देती रही। हमारी राजनीति सेक्युलर है। हर परिस्थिति में दूसरे के विचारों का सम्मान का हमारा इतिहास रहा है।

हिन्दुस्तान राहुल के साथ
पप्पू यादव ने एनडीए पर निशाना साधते हुए कहा कि सीबीआई-ईडी के जरिए कोई 400 का आंकड़ा पार कर जाए, लेकिन हिन्दुस्तान राहुल गांधी के साथ है। ओबीसी के प्रति जो कमिटमेंट राहुल गांधी का है, मैं एक साधारण गिलहरी की तरह रहना चाहता हूं। जन अधिकार पार्टी जो संघर्ष, सेवा में सबसे ऊपर हैं। मैंने कांग्रेस की मर्यादा का पालन करना बचपन में सीखा। ऊंट बैठ जाए तो गदहा से ऊंचा रहता है। समय बताएगा वे लोग कितने अंक का आंकड़ा पार करेंगे।

लालू प्रसाद ने मुझे दिल से कभी नहीं निकाला
पप्पू यादव ने कहा कि लालू प्रसाद ने मुझे दिल से कभी नहीं निकाला। तेजस्वी जी से भी मुलाकात हुई। हम 2024 और 2025 दोनों जीतेंगे। प्रियंका गांधी ने काफी मजबूत के साथ हिम्मत दी है और कहा जस्ट ज्वाइन कांग्रेस। मैं बिहार में कांग्रेस के लिए मजबूती से संघर्ष करूंगा और पूरी तन्मयता के साथ काम करूंगा। मैं अपनी पार्टी का कांग्रेस के साथ मर्जर करता हूं।

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