अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि फिजियोथेरेपिस्ट केवल मरीज का इलाज नहीं करता, बल्कि उसे हौसला भी देता है। श्री मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट के 60वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर सभी को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि मुझे ख़ुशी है कि मेडिकल फ़ील्ड के इतने महत्वपूर्ण प्रोफेशनल्स अहमदाबाद में एक साथ जुट रहे हैं। कोई चोट हो, दर्द हो, चाहे युवा हों, या बुजुर्ग हों, खिलाड़ी हों, या फ़िटनेस के मुरीद हों, फिजियोथेरेपिस्ट हर परिस्थिति, हर उम्र के लोगों के सहयोगी बनकर उनकी तकलीफ दूर करते हैं। आप मुश्किल के समय में सिंबल ऑफ होप, सिंबल ऑफ रेजिलिएंस, सिंबल ऑफ रिकवरी होते हैं। क्योंकि जब कोई व्यक्ति अचानक इंजरी या एक्सिडेंट का शिकार हो जाता है, तो उसके लिए ये केवल फ़िज़िकल ट्रॉमा नहीं होता। ये एक मेंटल और साइकोलॉजिकल चैलेंज भी होता है। ऐसे समय में फिजियोथेरेपिस्ट केवल उसका इलाज नहीं करता, बल्कि उसे हौसला भी देता है।
उन्होंने कहा कि अक्सर मुझे भी आपके प्रोफेशन से, आपके प्रोफेशनलिज्म से बहुत प्रेरणा मिलती है। अपनी फील्ड में आपने यह जरूर सीखा होगा कि चुनौतियों से ज्यादा मजबूत आपके भीतर की ताकत होती है। प्रोत्साहन और थोड़े से एनकरेजमेंट और सपोर्ट से लोग मुश्किल से मुश्किल चुनौतियों पर भी विजय पा लेते हैं। कुछ ऐसी ही बात गवर्नेंस में भी देखने को मिलती है। हमारे देश के गरीबों को एक सपोर्ट की जरूरत थी, ताकि वे अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा कर सकें। बैंक खाता खुलवाना हो, शौचालय बनवाना हो, लोगों तक नल का पानी पहुंचाना हो, हमने ऐसे कितने ही अभियानों से लोगों को सपोर्ट किया।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना हो या फिर हमारी सरकार की सोशल सिक्योरिटी स्कीम्स, इनके जरिए देश में एक मजबूत सोशल सिक्योरिटी नेट तैयार हुआ है। इसका रिजल्ट क्या निकला है, ये भी हम देख रहे हैं। आज देश का गरीब, देश का मध्यम वर्ग, बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने का साहस जुटा पा रहा है। वो आज दुनिया को दिखा रहे हैं कि अपने सामर्थ्य से वो नई ऊंचाइयों को छूने में सक्षम हैं।”
श्री मोदी ने कहा कि कहा जाता है कि सबसे अच्छा फिजियोथेरेपिस्ट वही होता है, जिसकी जरूरत मरीज को बार-बार महसूस ना हो। यानि एक तरह से कहें तो आपका प्रोफेशन ही आपको आत्मनिर्भरता का महत्व सिखाता है। हम कह सकते हैं कि लोगों को सेल्फ रिलायंट बनाना ही आपका गोल है। इसीलिए आज जब भारत आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है तो आपके प्रोफेशन के लोग आसानी से यह समझ सकते हैं कि यह हमारे देश के भविष्य के लिए जरूरी क्यों है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि एक फिजियोथेरेपिस्ट जानता है कि प्रोग्रेस तभी संभव है जब डॉक्टर और जिन्हें फिजियोथेरेपी की जरूरत है। दोनों मिलकर काम करें। इसलिए आप विकास को मास मूवमेंट बनाने के सरकार के प्रयासों के महत्व को बखूबी समझ सकते हैं। स्वच्छ भारत, बेटी बचाओ और दूसरी कई पहल की सफलता में जन भागीदारी की यही भावना नजर आती है।”
उन्होंने कहा कि फिजियोथेरेपी की जो स्पिरिट है, उसमें हर व्यक्ति के लिए, और देश के लिए भी कई अहम संदेश छिपे हैं। जैसे कि, फिजियोथेरेपी की सबसे पहली शर्त है- कंसिस्टेंसी, आम तौर पर लोग जोश में 2-3 दिन, चार दिन तो एक्सरसाइज कर लेते हैं, लेकिन उसके बाद धीरे-धीरे उत्साह कम हो जाता है। लेकिन एक फिजिओ के रूप में आप जानते हैं कि कंसिस्टेंसी के बिना रिजल्ट्स नहीं मिलने वाले। आप सुनिश्चित करते हैं कि जरूरी एक्सरसाइज बिना किसी गैप के हो। ऐसी ही कंसिस्टेंसी और कंविक्शन देश के लिए भी जरूरी होती है। हमारी नीतियों में निरंतरता हो, उन्हें लागू करने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति हो, तभी तो देश की सारी आवश्यकताएं पूरी होती हैं और देश उठकर खड़ा हो जाता है, लंबी दौड़ दौड़ता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश इस समय आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है। मुझे खुशी है कि हमारी सरकार ने इस अमृत महोत्सव में देश के सभी फिजियोथेरेपिस्ट्स को वो उपहार दिया जिसका वो 75 साल से इंतजार कर रहे थे। ये इंतजार था-फिजियोथेरेपी को एक प्रोफेशन के तौर पर मान्यता देना। आप सभी का ये इंतजार हमारी सरकार ने खत्म किया। नेशनल कमीशन फॉर अलाइड एंड हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स बिल लाकर हमें आप सभी का मान-सम्मान और बढ़ाने का अवसर मिला। इससे भारत के हेल्थकेयर सिस्टम में आप सभी के अहम योगदान को भी रिकग्निशन मिला। इससे आप सभी को भारत के साथ ही विदेश में भी काम करने में आसानी हुई है।”
श्री मोदी ने कहा कि सरकार ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन नेटवर्क से भी फिजियोथेरेपिस्ट्स को जोड़ा है। इससे उन्हें मरीजों तक पहुंचने में आसानी हुई है। आज खेलो इंडिया मूवमेंट के साथ ही देश में फिट इंडिया मूवमेंट भी आगे बढ़ रहा है। इन सारे सेक्टर्स में हो रही ग्रोथ, सीधे-सीधे फिजियोथेरेपिस्ट से भी जुड़ी हुई है। अब छोटे शहरों और कस्बों में भी स्पोर्ट्स इनफ्रास्ट्रक्चर के साथ उनकी भूमिका बढ़ रही है। हमने देखा है कि पहले घरों में फैमिली डॉक्टर्स होते थे, वैसे ही अब फैमिली फिजियोथेरेपिस्ट भी होने लगे हैं। इससे भी उनके लिए नई संभावनाएं बन रही हैं।
श्री मोदी ने कहा, “आप अपने मरीजों के साथ ही सोसाइटी के लिए जो योगदान दे रहे हैं, मैं उसकी सराहना करता हूं, लेकिन मेरा आपसे एक आग्रह भी है। यह आग्रह आपकी कांफ्रेंस की थीम से भी जुड़ा है और फिट इंडिया मूवमेंट से भी संबंधित है। क्या आप राइट पॉश्चर, राइट हैबिट्स, राइट एक्सरसाइज और उनके इंपोर्टेंस के बारे में लोगों को एजुकेट करने का टास्क ले सकते हैं। ये जरूरी है कि लोग फिटनेस को लेकर सही एप्रोच अपनाएं। आप इसे आर्टिकल्स और लेक्चर्स के माध्यम से कर सकते हैं और मेरे युवा साथी तो इसे रील्स के जरिये भी कर सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि मुझे भी कभी-कभी फिजियोथेरेपिस्ट की सेवा लेनी पड़ती है, इसलिए मैं अपने अनुभव के बाद, आप सभी से एक और बात कहना चाहता हूं। मेरा अनुभव है कि जब फिजियोथेरेपिस्ट के साथ योग की एक्सपर्टीज जुड़ जाती है, तो उसकी शक्ति कई गुना बढ़ जाती है। शरीर की जो कॉमन प्रॉबलम्स हैं, जिनमें अक्सर फिजियोथेरेपी की जरूरत पड़ती है उसका समाधान, कई बार योग में भी होता है, आसनों में भी होता है। इसलिए आपको फिजियोथेरेपी के साथ-साथ योग भी आता होगा, तो आपकी प्रोफेशनल पावर बढ़ जाएगी।”
श्री मोदी ने कहा कि भारत में आपकी प्रैक्टिस का एक बड़ा हिस्सा बुजुर्गों की देखभाल को समर्पित होता है। पेशंट केयर में आपका एक्सपीरियंस और आपकी व्यावहारिक समझ बहुत मायने रखती है। मैं आपसे इन्हें अच्छी तरह से डॉक्यूमेंट करने का भी आग्रह करूंगा। आज जैसे-जैसे दुनिया में बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है, उनकी देखभाल भी ज्यादा चैलेंजिंग और कोस्टली होती जा रही है। आज के इस दौर में एकेडमिक पेपर्स और प्रेजेंटेशन्स के रूप में आपका अनुभव पूरी दुनिया के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होने वाला है। इससे भारतीय फिजियोथेरेपिस्ट की स्कील भी सामने आएगी।”
उन्होंने कहा, “एक विषय टेलीमेडिसीन का भी है। आप सभी को वीडियो के द्वारा कंसल्टिंग के तौर-तरीके भी डेवलप करने चाहिए। कई बार ये बहुत ज्यादा मददगार साबित होता है। जैसे अभी तुर्की में इतना बड़ा भूकंप आया है, सीरिया में भी उसका असर है। इस तरह की आपदा के बाद बहुत बड़ी संख्या में फिजियोथेरेपिस्ट्स की भी जरूरत होती है। ऐसी स्थिति में आप सभी मोबाइल के माध्यम से भी बहुत तरह की मदद कर सकते हैं। फिजियोथेरेपिस्ट एसोसिएशन को इस बारे में जरूर सोचना चाहिए। मुझे पूरा भरोसा है, आप जैसे एक्सपर्टस की लीडरशिप में इंडिया फिट भी होगा और इंडिया सुपरहिट भी होगा।