वर्ष में चार बार नवरात्रि का पूजा होता है। जिनमें से चैत्र और शारदीय नवरात्रि नवदुर्गा को समर्पित होते हैं। मां की सात्विक पूजा की जाती है। माघ और आषाढ़ माह में आने वाले नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। चारों नवरात्रि ऋतु परिवर्तन के वक्त ही मनाए जाते हैं। गुप्त नवरात्रि तांत्रिक पूजा से जुड़े हुए हैं, इनमें महाविद्या के 10 स्वरूपों की पूजा गोपनीय रुप से होती है। महाविद्या के दस रूपों का नाम- मां काली, मां तारा, मां त्रिपुर सुंदरी, मां भुवनेश्वरी, मां छिन्नमस्ता, मां त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, मां बगलामुखी, मां मातंगी और मां कमला हैं। इन महाविद्याओं की रात के समय की गई गुप्त पूजा गुप्त इच्छाओं को पूरा करती है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस माह गुप्त नवरात्रि 22 जनवरी 2023 रविवार की रात 2 बजकर 22 मिनट पर शुरू होगी। माघ महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी, 30 जनवरी तक पूरे 9 दिन रहेगी। 22 जनवरी की रात 10 बजकर 27 मिनट पर प्रतिपदा तिथि का समापन हो जाएगा। ऐसे में घटस्थापना 22 जनवरी को ही होगी। इन नौ दिनों तक गुप्त तरीके से की गई शक्ति साधना और तंत्र सिद्धियां लाभ देती हैं।