कर्नाटकः येदियुरप्पा के घर पत्थरबाजी, बंजारा और भोवी समाज के लोगों का हिंसक प्रदर्शन

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0 एससी रिजर्वेशन में बंटवारे का कर रहे विरोध
शिवमोगा। कर्नाटक में सोमवार को आरक्षण के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के घर पर पत्थरबाजी हुई। बंजारा और भोवी समुदाय के लोगों ने शिवमोगा में येदियुरप्पा के घर और दफ्तर के बाहर हिंसक विरोध प्रदर्शन किए। इसके बाद इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई।

राज्य सरकार ने फैसला किया है कि शेड्यूल कास्ट (एससी) को मिलने वाले आरक्षण को इस वर्ग की अलग-अलग जातियों में बांट दिया जाएगा। बंजारा और भोवी समुदाय इसी का विरोध कर रहा है। उनका कहना है कि इससे उनके समुदाय के लोगों के साथ अन्याय होगा।

बंजारा समुदाय के नेताओं को गलतफहमी हुई है: बीएस येदियुरप्पा
बीएस येदियुरप्पा ने कहा, ‘बंजारा समुदाय के नेताओं को गलतफहमी हुई है। मैं एक-दो दिन में उनसे बात करूंगा और उन्हें सीएम के पास भी लेकर जाऊंगा, जिससे उनकी शिकायतों का हल निकाला जा सके। बंजारा समुदाय के लोगों ने मुख्यमंत्री बनने में मेरा साथ दिया है। मैंने एसपी और डीसी से कड़ी कार्रवाई नहीं करने को कहा है। मैं इस घटना के लिए कांग्रेस या किसी और को दोष नहीं दूंगा।

शेड्यूल कास्ट आरक्षण को 4 हिस्सों में बांटा
राज्य सरकार ने 24 मार्च को शेड्यूल कास्ट (एससी) को मिलने वाले आरक्षण को 4 हिस्सों में बांट दिया था। अब शेड्यूल कास्ट (लेफ्ट) को 6%, शेड्यूल कास्ट (राइट) को 5.5%, शेड्यूल कास्ट (टचेबल) को 4.5% और शेड्यूल कास्ट (अन्य) को 1% आरक्षण दिया जाएगा। कर्नाटक में शेड्यूल कास्ट के अंदर 101 जातियां आती हैं, जिन्हें इन 4 कैटेगरी में बांटा गया है।
कर्नाटक के कानून मंत्री के मुताबिक, ये आरक्षण जनसंख्या के आधार पर दिया गया है। ये चारों कैटेगरी आर्टिकल 341(2) के तहत बनाई गई हैं। सरकार ने इस बदलाव को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करवाने के लिए केंद्र सरकार को रिकमेंडेशन भेजी है। सरकार ने एससी-एसटी कैटेगरी का आरक्षण भी बढ़ाया था। शेड्यूल कास्ट का आरक्षण 15% से बढ़ाकर 17% और शेड्यूल ट्राइब का आरक्षण 3% से बढ़ाकर 7% किया गया था।

जस्टिस सदाशिव कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर लिया फैसला
राज्य सरकार ने ये फैसला जस्टिस सदाशिव कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर लिया था। इस कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में SC कम्युनिटी के अंदर आने वाली जातियों को प्रपोशनल रिजर्वेशन (आनुपातिक आरक्षण) देने की सलाह दी थी।
बंजारा और भोवी समुदाय के लोग इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि ये फैसला शेड्यूल कास्ट के अंदर आने वाली जातियों को बांटने का काम करेगी। दरअसल, बंजारा और भोवी जाति शेड्यूल कास्ट (टचेबल) के अंदर आती हैं। इन्हें 4.5% आरक्षण दिया गया है। प्रदर्शनकारी इस आरक्षण को कम बता रहे हैं।

पुलिस ने लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा
बंजारा और भोवी समुदाय के हजारों लोग सड़कों पर उतर आए और राज्य सरकार के फैसले का विरोध करने लगे। प्रदर्शनकारियों ने येदियुरप्पा और सीएम बसवराज बोम्मई के पोस्टर भी जलाए। पुलिस ने लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा और वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया। इस दौरान एक पुलिसकर्मी घायल हो गया।

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