लखनऊ:अहमद मुर्तजा अब्बासी को लखनऊ की एनआईए कोर्ट ने दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है, उसपर गोरखनाथ मंदिर पर हमले के आरोप था। अहमद मुर्तजा अब्बासी ने मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी सिपाहियों पर भी हमला किया था। इस दौरान मुर्तजा ने उनके हथियार भी छीनने की कोशिश की थी। 27 जनवरी को मामले में सुनवाई के दौरान मुर्तजा पर लगे आरोपों में वह दोषी पाया गया था। एनआईए कोर्ट के विशेष जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने सोमवार को उसे फांसी की सजा सुनाई है। घटना को देश के खिलाफ जंग छेड़ने का मामला माना गया है।इस मामले में एफआईआर गोरखपुर के गाेरखनाथ थाने में दर्ज की गई थी, जिसकी जांच एनआईए को सौंपी गई थी। घटना 2 अप्रैल 2022 की है, जब गोरखनाथ मंदिर पर एक अंजान शख्स लेकर पहुंच गया और उसने मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसपी के जवानों पर हमला कर दिया। जवानों से उसे मौके पर ही दबोच लिया। हालांकि, आरोपी के हमले में दो जवान भी घायल हो गए थे।इस केश एटीएस को दिया गया ,एटीएस ने हमलावर की की शिनाख्त जिहादी अहमद मुर्तजा अब्बासी के रूप मेंकिया, जो आंतकी गतिविधियों में शामिल था। उस वक्त भी अब्बासी पर एटीएस की नजर थी, जिसे पकड़ने के लिए दबिश भी दी जा रही थी, लेकिन वह हर बार चकमा दे रहा था। हमले के दिन ही अब्बासी नेपाल से लौटा था, इसके ठीक एक दिन पहले एटीएस ने उसके घर पर दबिश दी, लेकिन वह पहले से ही फरार हो गया और वापस लौटकर गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर पर हमले की वारदात को अंजाम दिया। घटना के बाद विनय कुमार मिश्र ने थाना गोरखनाथ में केस दर्ज कराया था।